Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Feb, 2025 03:16 PM
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गौतम अडानी के नेतृत्व में अडानी ग्रुप अब स्पेस सेक्टर में प्रवेश करने जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ग्रुप भारत के सबसे छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के प्रोडक्शन में तीन फाइनलिस्टों में से एक है। इस प्रतिस्पर्धा में सरकारी कंपनियां भारत...
बिजनेस डेस्कः गौतम अडानी के नेतृत्व में अडानी ग्रुप अब स्पेस सेक्टर में प्रवेश करने जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अडानी ग्रुप भारत के सबसे छोटे सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के प्रोडक्शन में तीन फाइनलिस्टों में से एक है। इस प्रतिस्पर्धा में सरकारी कंपनियां भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भी शामिल हैं। यदि सब कुछ सही रहा, तो अडानी डिफेंस सिस्टम के तहत अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी SSLV का निर्माण कर सकता है।
ISRO ने बनाया छोटा सा रॉकेट SSLV
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का बनाया गया यह SSLV एक छोटा सा रॉकेट है, जिसे बनाने में कम खर्च आया है। इसकी मदद से 500 किलो तक के छोटे सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा (Low-Earth orbit) में लॉन्च करने के लिए बनाया गया है। मौजूदा समय में सैटेलाइट लॉन्च मार्केट में इस सेगमेंट की बहुत अधिक डिमांड है।
ग्लोबल सैटेलाइट लॉन्च मार्केट में SpaceX का दबदबा
2023 में SSLV के पहले सफल लॉन्च के बाद भारत सरकार ने इसके प्रोडक्शन और इसकी टेक्नोलॉजी की जिम्मेदारी प्राइवेट इंडस्ट्री को देने का फैसला लिया। यह देश के कमर्शियल स्पेस सेक्टर का दायरा बढ़ाने और ग्लोबल सैटेलाइट लॉन्च मार्केट को कड़ी टक्कर देने की दिशा में उठाया गया एक कदम था, जहां अभी स्पेसएक्स का दबदबा है। SSLV कॉन्ट्रैक्ट के लिए 20 कंपनियों ने बोली लगाई थी। इसमें सबसे आगे रहने वाली कंपनी को मैन्युफैक्चरिंग प्रॉसेस, SSLV की डिजाइन से जुड़ी बारीकियों को समझने और क्वॉलिटी एश्योरेंस ट्रेनिंग के लिए ISRO को लगभग 3 बिलियन रुपए देने होंगे। 24 महीने की इस डील में टेक्नीकल सपोर्ट और दो सफल प्रक्षेपण भी शामिल हैं।