Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Nov, 2024 10:47 AM
भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी और उनके समूह के लिए ये सप्ताह चुनौतियों से भरा रहा। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और एक्सचेंज कमीशन द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि अगले ही दिन इन...
बिजनेस डेस्कः भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी और उनके समूह के लिए ये सप्ताह चुनौतियों से भरा रहा। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और एक्सचेंज कमीशन द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि अगले ही दिन इन शेयरों ने रिकवरी भी दिखा दी।
अमेरिका के आरोपों से उबरने की कोशिश में जुटे अडानी समूह के सामने एक और मुश्किल खड़ी हो गई, जब खबरें आईं कि केन्या ने अडानी के साथ हुई 2.5 अरब डॉलर की डील रद्द कर दी है। इस खबर की सच्चाई पर अडानी समूह ने खुद सफाई दी है।
क्या कहा अडानी समूह ने
अरबपति गौतम अडानी के समूह ने शनिवार को इस मामले में स्पष्ट किया कि केन्या के मुख्य हवाई अड्डे के संचालन के लिए उन्होंने कोई डील नहीं की है। दरअसल अमेरिकी अभियोग के बाद यह खबरें सामने आई थीं कि केन्या ने अडानी समूह के साथ 2.5 अरब डॉलर से अधिक के सौदे को रद्द कर दिया है। अडानी समूह ने कहा कि पिछले महीने केन्या में 30 वर्षों के लिए प्रमुख विद्युत पारेषण लाइनों के निर्माण और संचालन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि यह परियोजना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के डिस्क्लोजर नियमों के तहत नहीं आती है, इसलिए इसके रद्द होने पर किसी औपचारिक घोषणा की जरूरत नहीं है।
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क्या था पूरा मामला
दरअसल, इस मुद्दे की शुरुआत तब हुई जब शेयर बाजारों ने समूह से इस मामले पर सफाई मांगी। खासतौर से तब, जब अमेरिका में अडानी समूह के संस्थापक पर रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर अभियोग लगाया गया और इसके बाद केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो द्वारा कुछ खरीद प्रक्रियाओं को रद्द करने की खबरें आईं। कहा जा रहा था कि इस सौदे के अंतर्गत केन्या के सबसे प्रमुख हवाई अड्डे का नियंत्रण अडानी समूह की एक सहायक कंपनी को मिल सकता था।
कोई समझौता नहीं हुआ
अडानी समूह की प्रमुख कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने हवाईअड्डा संचालन से जुड़ी अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इस साल अगस्त में केन्या में हवाई अड्डों के उन्नयन (Upgrades), आधुनिकीकरण और प्रबंधन के लिए एक सहायक कंपनी स्थापित की गई थी। हालांकि, समूह ने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक इस परियोजना को लेकर केन्या के किसी प्राधिकरण के साथ कोई निश्चित समझौता नहीं हुआ है।
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समूह ने कहा कि संबंधित प्राधिकरणों के साथ बातचीत जारी थी लेकिन न तो अडानी समूह और न ही उसकी कोई सहायक कंपनी फिलहाल केन्या में किसी हवाई अड्डा परियोजना में शामिल है। केन्या द्वारा किसी भी हवाई अड्डा सौदे को रद्द करने की खबरों पर समूह ने न तो पुष्टि की है और न ही खंडन।
अडानी समूह ने इस स्पष्टीकरण को अपनी पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास के रूप में प्रस्तुत किया, जो कंपनी की छवि और निवेशकों के विश्वास के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, समूह ने कहा कि वे अपनी सभी परियोजनाओं में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हैं और केन्या में भी इन्हीं नीतियों का अनुसरण किया जाएगा।