Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 May, 2024 06:27 PM
अडानी ग्रुप का मुनाफा मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में 55 प्रतिशत बढ़ा। इसके साथ ही समूह ने अगले दशक में 90 अरब अमेरिकी डॉलर के पूंजीगत निवेश की योजना बनाई है। अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों से उबरकर समूह की...
नई दिल्लीः अडानी ग्रुप का मुनाफा मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में 55 प्रतिशत बढ़ा। इसके साथ ही समूह ने अगले दशक में 90 अरब अमेरिकी डॉलर के पूंजीगत निवेश की योजना बनाई है। अमेरिकी निवेश कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों से उबरकर समूह की सूचीबद्ध कंपनियों ने 2023-24 में कर्ज को नियंत्रित करने, संस्थापक के गिरवी शेयरों में कमी करने और कारोबार को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया।
शेयर बाजार के आंकड़ों और विश्लेषकों के अनुसार बीते वित्त वर्ष में adani ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों ने 30,767 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। यह आंकड़ा इससे पिछले वित्त वर्ष में 19,833 करोड़ रुपए था। लाभ वृद्धि के लिए पांच वर्षीय सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) 54 प्रतिशत थी।
इस दौरान राजस्व में छह प्रतिशत की गिरावट के बावजूद ईबीआईटीडीए (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय) 40 प्रतिशत बढ़कर 66,244 करोड़ रुपए हो गई। अमेरिकी ब्रोकरेज फ्रम जेफरीज ने एक टिप्पणी में कहा, ”वित्त वर्ष 2023-24 में समूह का कुल ईबीआईटीडीए सालाना आधार पर 40 प्रतिशत बढ़ा। समूह ने इक्विटी/ ऋण/ रणनीतिक निवेशकों से नए फंड जुटाए और प्रवर्तकों ने समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई और समूह के बाजार पूंजीकरण में उछाल आया।”
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि समूह तेजी से विस्तार कर रहा है और उसने अगले दशक में 90 अरब अमेरिकी डॉलर के पूंजीगत निवेश की योजना बनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक समूह स्तर पर शुद्ध ऋण (आठ कंपनियों के अलावा सीमेंट व्यवसाय से जुड़ा कर्ज) वित्त वर्ष 2023-24 में 2.2 लाख करोड़ रुपए पर स्थिर रहा, जो इससे पहले 2.3 लाख करोड़ रुपए था।