Hindenburg के आरोपों के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 53,000 करोड़

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Aug, 2024 01:52 PM

adani group shares fall sharply after hindenburg s allegations

अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ओर से अडानी प्रकरण में सीधे सेबी (SEBI) के चेयरमैन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल पुरी पर आरोप लगाए जाने के बाद अडानी समूह के शेयरों को बड़ा नुकसान हुआ है। शुरुआती कारोबार में अडानी समूह से...

बिजनेस डेस्कः अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की ओर से अडानी प्रकरण में सीधे सेबी (SEBI) के चेयरमैन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल पुरी पर आरोप लगाए जाने के बाद अडानी समूह के शेयरों को बड़ा नुकसान हुआ है। शुरुआती कारोबार में अडानी समूह से जुड़ी कंपनियों के शेयर 17% तक गिर गए, जिससे निवेशकों को लगभग 53,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस बिकवाली के परिणामस्वरूप अडानी समूह के 10 शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण घटकर 16.7 लाख करोड़ रुपए रह गया। हालांकि, यह बिकवाली ज्यादा देर नहीं चली और धीरे-धीरे खरीदार लौटने लगे, जिससे प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स हरे निशान पर लौट गए।

शेयरों में गिरावट के आंकड़े

  • BSE सेंसेक्स पर सूचीबद्ध अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में 17% की गिरावट आई।
  • अडानी टोटल गैस के शेयर 13.39% गिरे।
  • एनडीटीवी के शेयर 11% और अडानी पावर के शेयर 10.94% कम हुए।
  • अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 6.96%, अडानी विल्मर में 6.49%, अडानी एंटरप्राइजेज में 5.43%, अडानी पोर्ट्स में 4.95%, अंबुजा सीमेंट्स में 2.53% और एसीसी के शेयर में 2.42% की गिरावट आई।

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट और सेबी के आरोप

हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार देर रात अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल पुरी ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था। रिपोर्ट के अनुसार, ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अडानी ने पैसों की हेराफेरी और समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था। विनोद अडानी, अडानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अडानी के बड़े भाई हैं।

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बुच दंपति का बयान

बुच दंपति ने आरोपों के जवाब में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो कि 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति और मार्च 2022 में चेयरपर्सन के रूप में पदोन्नति से काफी पहले का है। उन्होंने कहा कि ये निवेश "सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से" किए गए थे और सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद ये कोष निष्क्रिय हो गए थे।

बाजार विशेषज्ञों की राय

बाजार विशेषज्ञ सुनील शाह ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पिछले सप्ताहांत अंतरराष्ट्रीय शोध कंपनी ने नकारात्मक रिपोर्ट दी थी। अब मुझे सेंसेक्स को देखते हुए लगता है कि बाजार ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। सेंसेक्स केवल 200 अंक नीचे गया है, जो सामान्य गतिविधि है। इसलिए मुझे लगता है कि दिन के दौरान हम बाजार को सकारात्मक होते हुए देख सकते हैं।"
 

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