Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Aug, 2024 10:54 AM
देश के तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक समूह अडानी ग्रुप (adani group) के प्रमोटर अगले नौ महीनों में 30,000 करोड़ रुपए के शेयर बेचने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, अडानी परिवार अपनी लिस्टेड कंपनियों के पोर्टफोलियो में संतुलन लाने के लिए इस कदम पर...
बिजनेस डेस्कः देश के तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक समूह अडानी ग्रुप (adani group) के प्रमोटर अगले नौ महीनों में 30,000 करोड़ रुपए के शेयर बेचने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, अडानी परिवार अपनी लिस्टेड कंपनियों के पोर्टफोलियो में संतुलन लाने के लिए इस कदम पर विचार कर रहा है। इस प्रक्रिया में कुछ कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाने और कुछ में बढ़ाने की योजना है। प्रमोटर परिवार का लक्ष्य हर कंपनी में 64 से 68% हिस्सेदारी बनाए रखना है।
शुरुआती कदम
हिस्सेदारी बिक्री की शुरुआत अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) और अडानी पावर (Adani Power) से की जाएगी, जबकि अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) में हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी। अडानी परिवार आने वाले दशक में अपनी कंपनियों के शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर को अमेरिका की बड़ी लिस्टेड कंपनियों की तरह बनाने की इच्छा रखता है, जिसमें म्यूचुअल फंड्स, रिटेल और लॉन्ग-ओनली शेयरहोल्डर्स का मिश्रण होगा।
ब्लॉक डील के जरिए अंबुजा सीमेंट में 2.8% हिस्सेदारी बेचेंगे
एक सूत्र ने बताया कि वॉल्यूम और प्राइस को ध्यान में रखते हुए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और बैलेंसिंग के लिए प्रमोटर हर साल अपनी कुल हिस्सेदारी का लगभग 0.5-3% तक का व्यापार करेंगे। इस बारे में अडानी ग्रुप ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। प्रमोटर इस प्रक्रिया की शुरुआत आज से कर रहे हैं और एक ब्लॉक डील के जरिए अंबुजा सीमेंट में 2.8% हिस्सेदारी बेच रहे हैं, जो कि लगभग 500 मिलियन डॉलर की हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ महीनों में इस सीमेंट कंपनी में एक और ब्लॉक डील की संभावना है, जो इतनी ही राशि की हो सकती है। इसके अलावा, अडानी परिवार इस साल के अंत तक अडानी पावर में लगभग 3% हिस्सेदारी बेचने की योजना भी बना रहा है, जिससे उन्हें 8,000-10,000 करोड़ रुपए जुटाने की उम्मीद है।
इस कंपनी में बढ़ेगी हिस्सेदारी
इसकी अडानी परिवार अडानी ग्रीन एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगा। फिलहाल इसमें उसकी 57.5% हिस्सेदारी है। शुरुआत में इस कंपनी में अंबानी परिवार की हिस्सेदारी 3% तक बढ़ाई जा सकती है। साथ ही अडानी विल्मर में प्रमोटर की हिस्सेदारी इसी महीने 87.87% से घटाकर 75% करनी होगी। सेबी के नियमों के मुताबिक ऐसा करना जरूरी है। अडानी और विल्मर के पास कंपनी में एक बराबर 43.94% हिस्सेदारी है। सूत्रों के मुताबिक ऑफर फॉर सेल सितंबर के अंत से पहले होने की संभावना है। अडानी परिवार ने अब तक इस बारे में अंतिम निर्णय नहीं लिया है कि वे विभिन्न लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी को कैसे कम करेगा।
अडानी ग्रुप ने अंबुजा और एसीसी के अधिग्रहण के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों से लोन लिया था। इसमें से $3.1 अरब का लोन बकाया है। माना जा रहा है कि इसके पेमेंट के बजाय इसे रिफाइनेंस किया जा सकता है। अभी डिविडेंड का यूज लोन के आंशिक भुगतान के लिए किया जाता है। पिछले महीने अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने QIP के माध्यम से $1 अरब जुटाए। पिछले साल हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप ने पहली बार पैसा जुटाया है। इस साल मई में अडानी एंटरप्राइजेज के बोर्ड ने QIP के माध्यम से 16,600 करोड़ रुपए तक जुटाने को मंजूरी दी थी।