चीन को टक्कर देगा Adani Group, नए ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल में 1.2 अरब डॉलर के निवेश का प्लान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jul, 2024 01:10 PM

adani group will compete with china plans to invest 1 2 billion

अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने अपने दक्षिण भारत के ट्रांसशिपमेंट कंटेनर पोर्ट को मजबूत करने के लिए 10,000 करोड़ रुपए (1.2 बिलियन डॉलर) के निवेश की योजना बनाई है। इस निवेश का उद्देश्य दुनिया के सबसे बड़े...

बिजनेस डेस्कः अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने अपने दक्षिण भारत के ट्रांसशिपमेंट कंटेनर पोर्ट को मजबूत करने के लिए 10,000 करोड़ रुपए (1.2 बिलियन डॉलर) के निवेश की योजना बनाई है। इस निवेश का उद्देश्य दुनिया के सबसे बड़े जहाजों को आकर्षित करना है। यह जानकारी ब्लूमबर्ग ने दी।

ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि केरल में अपनी तरह के पहले विझिंजम पोर्ट में निवेश उस प्रोजेक्ट के दूसरे फेज का हिस्सा है जिसके 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। अडानी समूह के योजनाओं से परिचित लोगों के अनुसार, अडानी पोर्ट्स ने दुनिया की सबसे बड़ी कंटेनर लाइनों जैसे MSC Mediterranean Shipping Co., A.P. Moller – Maersk A/S, और Hapag-Lloyd को पोर्ट पर लाने की योजना बनाई है।

विझिंजम पोर्ट में हैं बसे गहरे शिपिंग चैनल और भी कई विशेषताएं

विझिंजम पोर्ट भारत के दक्षिणी सिरे के निकट स्थित है और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के पास है। विझिंजम पोर्ट में सबसे गहरे शिपिंग चैनल हैं। पोर्ट 800-मीटर कंटेनर में ट्रायल रन के हिस्से के रूप में 11 जुलाई को पहले मदरशिप की अगवानी कर इतिहास रचा। उम्मीद है कि अडानी समूह का यह बंदरगाह इस साल सितंबर में ओणम के आसपास व्यावसायिक रूप से चालू हो जाएगा।

जहाज MV सैन फर्नांडो के गुरुवार को इस बंदरगाह पहुंचने पर करीब हजार लोग उपस्थित थे और इस अवसर पर तिरंगा झंडा फहराया गया। टनबोट के ज​रिए इस जहाज को पानी की सलामी दी गई। मेयर्स्क (Maersk) द्वारा तैयार एमवी सैन फर्नांडो बंदरगाह के बाहरी लंगर के क्षेत्र में 11 जुलाई को सुबह करीब 7 बजे पहुंचा था और सुबह 9.30 बजे उसे बर्थ पर लिया गया था। इसके साथ ही ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह का संचालन शुरू हो गया।

चीन की संप्रभुता को कम करने और भारत में बड़े कंटेनर जहाजों को लाने की योजना में Adani Group

विझिंगम पोर्ट का उद्घाटन अक्टूबर में किया गया था। एशिया के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी के ग्रुप का प्रयास है कि भारत को दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाजों के मैप पर लाया जा सके और वर्तमान में चीन द्वारा प्रभुत्व वाले अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार का एक बड़ा हिस्सा हासिल किया जा सके। अब तक ऐसे कंटेनर भारत के बंदरगाहों की गहराई के अभाव के कारण भारत आने से बचते रहे हैं और इसके बजाय कोलंबो, दुबई और सिंगापुर के बंदरगाहों पर डॉक होते थे।

निवेश का उपयोग मौजूदा बर्थ की लंबाई बढ़ाने और पोर्ट के ब्रेकवाटर को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। ब्रेकवाटर एक समुद्र में बनाई गई चट्टानी दीवार है जो बंदरगाह को तरंगों की ताकत से बचाती है। ब्लूमबर्ग ने कहा कि अडानी समूह, Mediterranean Shipping और Hapag-Lloyd के प्रतिनिधियों ने इस पर टिप्पणी करने के लिए तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी। अडानी पोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी निदेशक करण अडानी ने अक्टूबर में पत्रकारों को बताया था कि क्षमता बढ़ाने के लिए हर साल 6,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

विझिंजम पोर्ट पर क्या-क्या होंगी सुविधाएं

ट्रांसशिपमेंट का मतलब है कि किसी जहाज से कार्गो को उसके डेस्टिनेशन की ओर जाने वाले एक अन्य बड़े ‘मदर’ शिप पर ट्रांसफर करना। विझिंजम टर्मिनल में जहाजों के लिए बंकरिंग सुविधाएं होंगी और अतिरिक्त क्रेनों को खरीदने की योजना है, इसके अलावा बड़े लक्जरी लाइनों को अकमोडेट करने के लिए एक क्रूज टर्मिनल का निर्माण भी किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के निकटता, जो वैश्विक कार्गो ट्रैफिक का 30 फीसदी हिस्सा है, और एक नेचुरल चैनल जो समुद्र तल से 24 मीटर (79 फीट) नीचे तक जाता है, विझिंजम को कुछ सबसे बड़े जहाजों के लिए एक आदर्श केंद्र बनाता है।
 

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