Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Feb, 2025 10:45 AM
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अडानी ग्रुप ने श्रीलंका में 442 मिलियन डॉलर (करीब 3800 करोड़ रुपए) यानी लगभग 36 अरब रुपए के विंड पावर प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिया है। एएफपी (AFP) के डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, श्रीलंकाई अधिकारियों की ओर से समझौते में बदलाव की कोशिश के बाद अडानी ने यह...
बिजनेस डेस्कः अडानी ग्रुप ने श्रीलंका में 442 मिलियन डॉलर (करीब 3800 करोड़ रुपए) यानी लगभग 36 अरब रुपए के विंड पावर प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिया है। एएफपी (AFP) के डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, श्रीलंकाई अधिकारियों की ओर से समझौते में बदलाव की कोशिश के बाद अडानी ने यह फैसला लिया है। अडानी ग्रुप ने श्रीलंका के निवेश बोर्ड (BOI) को बुधवार को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने सरकार के रुख का सम्मान करते हुए प्रोजेक्ट से हटने का ऐलान किया। इसमें लिखा है कि सरकार के साथ कोई अनबन नहीं है। बस कुछ बातों पर सहमति नहीं बन पाई।
क्या थी समझौते में बात?
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) की सरकार ने कुछ समय पहले अडानी ग्रुप के साथ बिजली खरीद समझौता रद्द कर दिया था। श्रीलंका को कम कीमत पर बिजली चाहिए थी। इसलिए नया समझौता करने की बात चल रही थी।
क्या कहा अडानी ने?
अडानी ने BOI को लिखे पत्र में बताया कि उन्होंने श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर बनने वाले 484 मेगावाट के प्लांट के शुरुआती काम पर करीब 5 मिलियन डॉलर (करीब 41 करोड़ रुपए) खर्च कर दिए थे। इतना पैसा लगाने के बाद भी प्रोजेक्ट छोड़ना पड़ा।
12 फरवरी के एक पत्र में कंपनी ने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट से हटने के बावजूद वे भविष्य में श्रीलंका सरकार के साथ विकास के मौकों पर काम करने को तैयार हैं। अडानी ग्रुप श्रीलंका सरकार के साथ रिश्ते खराब नहीं करना चाहता। इसलिए ग्रुप सम्मानपूर्वक इस प्रोजेक्ट से हटना पसंद करेगा।