Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Aug, 2024 12:28 PM
अडानी समूह (Adani Group) की सूचीबद्ध 10 कंपनियों में से 9 शेयरों में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में तेजी लौटी। एक दिन पहले इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी। अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में मंगलवार को तेज उछाल आया और यह छह प्रतिशत...
बिजनेस डेस्कः अडानी समूह (Adani Group) की सूचीबद्ध 10 कंपनियों में से 9 शेयरों में मंगलवार को शुरुआती कारोबार में तेजी लौटी। एक दिन पहले इन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी। अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस (Adani Energy Solutions) के शेयर में मंगलवार को तेज उछाल आया और यह छह प्रतिशत चढ़ा।
अडानी के शेयरों की स्थिति
- अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में 6% की वृद्धि हुई।
- अडानी टोटल गैस के शेयर में 4% की बढ़ोतरी हुई।
- NDTV के शेयर में 2.56% और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 2.55% की तेजी आई।
- अडानी विल्मर का शेयर 2.15% चढ़ा।
- ACC का शेयर 1.93% बढ़ा।
- अडानी पावर का शेयर 1.74% और अडानी पोर्ट्स का शेयर 1% बढ़ा।
- अंबुजा सीमेंट्स के शेयर में 0.43% की वृद्धि हुई।
- अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में शुरुआती कारोबार में मामूली गिरावट
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का प्रभाव
अमेरिकी शोध एवं निवेश कंपंनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयरों में सोमवार को गिरावट आई थी। हिंडनबर्ग ने शनिवार देर रात जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा था कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा तथा मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था। उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अडानी ने पैसों की हेराफेरी करने तथा समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था। विनोद अडानी, अडानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अडानी के बड़े भाई हैं।
आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, जो 2017 में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति तथा मार्च, 2022 में चेयरपर्सन के रूप में उनकी पदोन्नति से काफी पहले था। ये निवेश ‘‘ सिंगापुर में रहने के दौरान निजी तौर पर आम नागरिक की हैसियत से ’’ किए गए थे। सेबी में उनकी नियुक्ति के बाद ये कोष निष्क्रिय हो गए।
अडानी समूह ने भी सेबी प्रमुख के साथ किसी भी तरह के वाणिज्यिक लेन-देन से इनकार किया है। संपत्ति प्रबंधन इकाई 360वन (जिसे पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट कहा जाता था) ने अलग से बयान में कहा कि बुच तथा उनके पति धवल बुच का आईपीई-प्लस फंड 1 में निवेश कुल निवेश का 1.5 प्रतिशत से भी कम था और उसने अडानी समूह के शेयरों में कोई निवेश नहीं किया था।