Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jun, 2024 03:18 PM
एग्जिट पोल के रुझानों के हिसाब से केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही है। इसका असर आज पूरे मार्केट पर दिख रहा है और धड़ाधड़ शेयरों की खरीदारी हो रही है। अडानी ग्रुप की बात करें तो इसके शेयर आज सातवें आसमान पर हैं। ग्रुप के सभी शेयर रॉकेट बन...
बिजनेस डेस्कः एग्जिट पोल के रुझानों के हिसाब से केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार बनने जा रही है। इसका असर आज पूरे मार्केट पर दिख रहा है और धड़ाधड़ शेयरों की खरीदारी हो रही है। अडानी ग्रुप की बात करें तो इसके शेयर आज सातवें आसमान पर हैं। ग्रुप के सभी शेयर रॉकेट बन गए और इसके चलते ग्रुप की लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप मिलाकर 20 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है। शुरुआती कारोबार में अडानी ग्रुप के शेयरों का मार्केट कैप करीब 3 लाख करोड़ रुपए बढ़ा है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी होने से पहले इसका मार्केट कैप करीब 24 लाख करोड़ रुपए था। फरवरी 2023 के आखिरी में इसका मार्केट कैप गिरकर 7 लाख करोड़ रुपए के नीचे आ गया था। अडानी ग्रुप के सभी स्टॉक्स की बात करें तो इस समय सबसे अच्छी तेजी अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर में दिख रही है।
कंपनियों की कारोबारी स्थिति
मई 2024 में अडानी पोर्ट्स ने 35.8 एमएमटी कार्गो वॉल्यूम हैंडल किया जो सालाना आधार पर लगभग फ्लैट रहा। कंपनी के मुताबिक अप्रैल और मई में उसे लगभग 6 एमएमटी कार्गो वॉल्यूम का नुकसान हुआ लेकिन कारोबार फिर से शुरू हुआ है तो आने वाले महीनों में इस नुकसान की भरपाई हो जाएगी। कंपनी के मुंद्रा बंदरगाह पर मई में 17.6 MMT (मिलियन मीट्रिक टन) कार्गो वॉल्यूम रहा जो देश के किसी भी पोर्ट पर एक महीने में सबसे अधिक है।
हाल ही में अडानी पोर्ट्स ने जो बिजनेस रोडमैप पेश किया था, उसमें अडानी पोर्ट्स ने वित्त वर्ष 2024-29 में अपनी EBITDA सालाना 18 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। अब बाकी कंपनियों की बात करें तो 30 मई को ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज वित्त वर्ष 2027 तक ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन शुरू करने की दिशा में अपनी क्षमता बढ़ाने के रास्ते में बीच में पहुंच गई है। इसके अलावा नवी मुंबई हवाई अड्डा मार्च 2025 तिमाही तक चालू हो जाएगा। अडानी ग्रीन की बात करें तो इसने अपने 2030 पावर कैपेसिटी के लक्ष्य को 45 गीगावाट से बढ़ाकर 50 गीगावाट कर दिया है जिसमें 5 गीगावाट का हाईड्रो टारगेट शामिल है।