Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Dec, 2024 11:40 AM
गौतम अडानी, जो अमेरिकी कोर्ट में रिश्वत के आरोपों का सामना कर रहे हैं, ने श्रीलंका में अपने पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका की मदद लेने से इनकार कर दिया है। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने घोषणा की है कि वह...
बिजनेस डेस्कः गौतम अडानी, जो अमेरिकी कोर्ट में रिश्वत के आरोपों का सामना कर रहे हैं, ने श्रीलंका में अपने पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका की मदद लेने से इनकार कर दिया है। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने घोषणा की है कि वह कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल (CWIT) प्रोजेक्ट के लिए अब अपने ही संसाधनों का इस्तेमाल करेगी।
इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनी की अमेरिकी फाइनेंसर यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) के साथ 553 मिलियन डॉलर के लोन की चर्चा चल रही थी लेकिन अडानी पोर्ट्स ने अब इस लोन रिक्वेस्ट को वापस ले लिया है। कंपनी ने इस फैसले के पीछे कोई सीधा कारण नहीं बताया है लेकिन यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अडानी ग्रुप अमेरिकी अदालत में कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
अडानी पोर्ट्स ने बयान में कहा है कि कंपनी इस प्रोजेक्ट को अपने आंतरिक फंड और संसाधनों से पूरा करेगी। श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट भारत और श्रीलंका के बीच रणनीतिक संबंधों का अहम हिस्सा है, जहां अडानी ग्रुप मुख्य निवेशक है।
पिछले साल हुई थी डील
APSEZ और DFC के बीच 553 मिलियन डॉलर के लोन की डील पिछले साल नवंबर में हुई थी। DFC के प्रवक्ता ने बताया कि लेन-देन को 2023 में मंजूरी दी गई थी लेकिन कोई धनराशि वितरित नहीं की गई थी। मंजूरी के बाद स्थिति की समीक्षा की जा रही थी।
अब क्या करेगी कंपनी?
अडानी पोर्ट्स ने मंगलवार देर रात इसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी। कंपनी ने कहा कि उसने DFC से फंड का अपना अनुरोध वापस ले लिया है। कंपनी ने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट के लिए अब आंतरिक संसाधनों का इस्तेमाल करेगी। इसके लिए इंटरनल सोर्स और कैपिटल मैनेजमेंट रणनीति अपनाई जाएगी। कंपनी के मुताबिक श्रीलंका में CWIT प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। यहां नए टर्मिनल का काम चालू है। इसके अगले साल की शुरुआत तक चालू होने की उम्मीद है।
क्या है CWIT प्रोजेक्ट?
इस प्रोजेक्ट का निर्माण अडानी पोर्ट्स और श्रीलंकाई ग्रुप जॉन कील्स होल्डिंग्स की ओर से किया जा रहा है। इसके लिए अडानी पोर्ट्स ने श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और जॉन कील्स होल्डिंग्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह प्रोजेक्ट सितंबर 2021 में शुरू हुआ था। इसका उद्देश्य कोलंबो पोर्ट की क्षमताओं का विस्तार करना है।
सीडब्ल्यूआईटी श्रीलंका का सबसे बड़ा और सबसे गहरा कंटेनर टर्मिनल होगा। इसकी लंबाई 1400 मीटर और गहराई 20 मीटर की होगी। कोलंबो पोर्ट हिंद महासागर में सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट है। इसकी क्षमता को देखते हुए इसके विस्तार की जरूरत समझी गई। इस नए टर्मिनल की वार्षिक कार्गो हैंडलिंग क्षमता 32 लाख से अधिक होने की संभावना है।