Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Jan, 2025 04:08 PM
13 जनवरी को अडानी विल्मर के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई पर यह 10% लुढ़ककर 262.45 रुपए के निचले स्तर पर पहुंच गया और लोअर सर्किट लग गया। यह गिरावट कंपनी के 52 सप्ताह का निचला स्तर भी है।
बिजनेस डेस्कः 13 जनवरी को अडानी विल्मर के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। बीएसई पर यह 10% लुढ़ककर 262.45 रुपए के निचले स्तर पर पहुंच गया और लोअर सर्किट लग गया। यह गिरावट कंपनी के 52 सप्ताह का निचला स्तर भी है।
गिरावट की मुख्य वजह
अडानी ग्रुप की ओर से अडानी विल्मर में हिस्सेदारी बिक्री के लिए शुरू किए गए ऑफर फॉर सेल (OFS) को माना जा रहा है। यह OFS रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 13 जनवरी को ओपन हुआ। इससे पहले, 10 जनवरी को नॉन-रिटेल इनवेस्टर्स को 13.5% हिस्सेदारी (17.54 करोड़ शेयर) की बिक्री कर 4,850 करोड़ रुपए जुटाए गए थे।
OFS की प्रमुख बातें
शेयर बिक्री:
कुल 19.50 करोड़ शेयर (15.01% हिस्सेदारी) की पेशकश की गई।
1.95 करोड़ शेयर (1.50%) रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 13 जनवरी को उपलब्ध थे।
बिक्री का उद्देश्य:
अडानी विल्मर में अडानी एंटरप्राइजेज की पूरी 43.94% हिस्सेदारी बेचने का प्लान।
हिस्सेदारी बिक्री दो चरणों में की जा रही है।
पहला चरण:
न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग आवश्यकता को पूरा करने के लिए अडानी एंटरप्राइजेज 13% हिस्सेदारी बेच रही है।
दूसरा चरण:
विल्मर इंटरनेशनल की सहायक कंपनी लेंस, अडानी कमोडिटीज एलएलपी के पास मौजूद 31% हिस्सेदारी 305 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर खरीदेगी।
एक सप्ताह में शेयर में 18% की गिरावट
पिछले सप्ताह में अडानी विल्मर के शेयरों में 18% की गिरावट दर्ज की गई। 10 जनवरी को भी शेयर 10% लुढ़ककर बंद हुआ। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 35,100 करोड़ रुपए है।