ADB ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत पर रखा बरकरार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Sep, 2024 12:34 PM

adb maintains india s growth forecast at 7

एशियाई विकास बैंक (ADB) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को बुधवार को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा। एडीबी ने कहा कि बेहतर कृषि उत्पादन तथा उच्च सरकारी व्यय से आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में तेजी आने की उम्मीद है। सितंबर...

बिजनेस डेस्कः एशियाई विकास बैंक (ADB) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को बुधवार को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा। एडीबी ने कहा कि बेहतर कृषि उत्पादन तथा उच्च सरकारी व्यय से आने वाली तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में तेजी आने की उम्मीद है। सितंबर के अपने एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ) में एडीबी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में निर्यात पहले के अनुमान से अधिक रहेगा, जिसका श्रेय सेवाओं के निर्यात में वृद्धि को जाता है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष 2025-26 में वस्तु निर्यात वृद्धि अपेक्षाकृत धीमी रहेगी। 

एडीबी ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 (31 मार्च 2025 को समाप्त) में जीडीपी वृद्धि सात प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। दोनों ही एडीओ अप्रैल 2024 के पूर्वानुमान के बरारब हैं। साथ ही भारत की वृद्धि संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं।'' भारतीय अर्थव्यवस्था गत वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी। 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। इसमें कहा गया, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि धीमी होकर 6.7 प्रतिशत हो गई लेकिन कृषि में सुधार तथा उद्योग व सेवाओं के लिए काफी हद तक मजबूत परिदृश्य से आने वाली तिमाहियों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है। निजी उपभोग में सुधार होने की उम्मीद है। इसकी प्रमुख वजह मजबूत कृषि से प्रेरित ग्रामीण मांग तथा पहले से ही मजबूत शहरी मांग रहेगी। 

निजी निवेश का परिदृश्य सकारात्मक है लेकिन सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में वृद्धि, जो अब तक उच्च रही है अगले वित्त वर्ष में धीमी हो जाएगी। इसमें कहा गया, श्रमिकों तथा कंपनियों को रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन की पेशकश करने वाली हाल ही में घोषित नीति से श्रम मांग को बढ़ावा मिल सकता है और अगले वित्त वर्ष में रोजगार के अधिक अवसर सृजित हो सकते हैं। उद्योग तथा सेवाओं का प्रदर्शन लगातार मजबूत रहने की उम्मीद है। मजबूत सेवा निर्यात और पूंजी प्रवाह से चालू खाता घाटा मध्यम रहेगा। खाद्य पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतों से चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के पहले के अनुमान से अधिक रहने की आशंका है, हालांकि अगले वित्त वर्ष में कम होने की उम्मीद है। 

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