Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jan, 2025 11:20 AM
गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइन को लेकर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। न्यायाधिकरण ने कंपनी के परिसमापन का आदेश दिया, जो पिछले तीन साल से वित्तीय संकट के कारण परिचालन से बाहर है। एयरलाइन ने मई 2023 में स्वैच्छिक...
बिजनेस डेस्कः गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइन को लेकर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। न्यायाधिकरण ने कंपनी के परिसमापन का आदेश दिया, जो पिछले तीन साल से वित्तीय संकट के कारण परिचालन से बाहर है। एयरलाइन ने मई 2023 में स्वैच्छिक रूप से दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। न्यायाधिकरण ने 15 पृष्ठों के आदेश में गो एयरलाइंस (इंडिया) लि. के परिसमापन की मंजूरी दी।
17 साल से अधिक समय तक दी सर्विस
एनसीएलटी ने कहा कि योजना में कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को अपने गठन के बाद और समाधान योजना की पुष्टि से पहले किसी भी समय संबंधित कंपनी के परिसमापन का निर्णय लेने का अधिकार है। गो एयर का नाम बदलकर गो फर्स्ट किया गया था। कंपनी ने 17 साल से अधिक समय तक उड़ान सेवाएं दी। एयरलाइन का परिचालन तीन मई, 2023 से निलंबित है। दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान, कम से कम दो बोलीदाता स्पाइसजेट प्रमुख अजय सिंह के साथ बिजी बी एयरवेज और शारजाह बेस्ड विमानन इकाई स्काई वन थे। यात्रा पोर्टल ईज माई ट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी बिजी बी एयरवेज में बहुलांश शेयरधारक है।
54 विमानों का रजिस्ट्रेशन हुआ रद्द
इस बीच विमानन नियामक डीजीसीए ने गो फर्स्ट के 54 विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। समाधान प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई और अब न्यायाधिकरण ने एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दिया है। एयरलाइन ने 2005-06 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली उड़ान के साथ घरेलू परिचालन शुरू किया और फिर 2018-19 में अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू किया। परिचालन शुरू करने के बाद से गो फर्स्ट ने एयरबस को 72 ए320 नियो विमानों के लिए दो ऑर्डर दिए। ये ऑर्डर 2011-12 और 2016-17 में दिए गए। नकदी समस्या से जूझ रही एयरलाइन ने मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 1,800 करोड़ रुपए के नुकसान की सूचना दी।