हीरे-जवाहरात में नंबर 1, अब Semiconductors और Electrical Devices के निर्यात में भी भारत का जलवा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Dec, 2024 10:57 AM

after diamonds and jewels now india dominates in semiconductor exports

भारत ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जब वह हाई-वैल्यू प्रोडक्ट्स (High Value Products) के निर्यात में दुनिया के शीर्ष 10 निर्यातकों में शामिल हो गया है। यह उपलब्धि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए...

बिजनेस डेस्कः भारत ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जब वह हाई-वैल्यू प्रोडक्ट्स (High Value Products) के निर्यात में दुनिया के शीर्ष 10 निर्यातकों में शामिल हो गया है। यह उपलब्धि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से सामने आई है। 

सेमीमंडक्टर और इलेक्ट्रिकल गुड्स का निर्यातक

भारत दशकों से हीरे-जवाहरात जैसे प्रीसस स्टोन (Precious Stone) या कीमती पत्थरों के निर्यात में प्रमुख स्थान रखता है लेकिन अब भारत इससे भी आगे निकलते हुए सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिकल उपकरणों के निर्यात में अपनी जगह बना रहा है। भारत का निर्यात प्रदर्शन देश की बढ़ती आर्थिक ताकत को दिखा रहा है। दरअसल, सरकार का इस समय फोकस इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पर फोकस है। इसके बेहतर परिणाम आए हैं।

तेजी से बढ़ा इन वस्तुओं का निर्यात

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश से 2023 में इन उत्पादों का निर्यात बढ़कर 1.91 अरब डॉलर हो गया है, जो 2014 में 0.23 अरब डॉलर था। इसी के साथ ग्लोबल मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 1.40 प्रतिशत हो गई है। इस कारण इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर निर्यात में भारत दुनिया में नौवें स्थान पर आ गया है, जो कि पहले 2014 में 20वें स्थान पर था। बयान में आगे कहा गया है कि यह प्रगति दिखाती है कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में देश की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है।

कीमती पत्थरों के निर्यात में ग्लोबल लीडर

कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों (Precious & Semi Precious Stone) के निर्यात में भारत ने खुद को ग्लोबल लीडर के रूप में स्थापित किया है। इस कारण ग्लोबल मार्केट में देश की हिस्सेदारी बढ़कर 2023 में 36.53 प्रतिशत हो गई है, जो कि पहले 2014 में 2.64 प्रतिशत थी। इसकी एक्सपोर्ट वैल्यू 1.52 अरब डॉलर रही है। इलेक्ट्रिक मोटर और जनरेटर के पुर्जों के निर्यात में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो 2023 में 1.15 अरब डॉलर तक पहुंच गई है और इसमें भारत की वैश्विक हिस्सेदारी 4.86 प्रतिशत है। इस कारण इलेक्ट्रिक मोटर और जनरेटर के पुर्जों के निर्यात में भारत की रैंकिंग छठे स्थान पर पहुंच गई है, जो कि 2014 में 21वीं थी।

पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का हो रहा है भारी निर्यात

पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के निर्यात में पिछले कुछ वर्षों के दौरान जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। साल 2023 में यह बढ़कर 84.96 अरब डॉलर हो गया है, जो कि 2014 में 60.84 अरब डॉलर था। इसके साथ ही पेट्रोलियम निर्यात के वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 12.59 प्रतिशत हो गई है। एग्रोकेमिकल सेक्टर में भी भारत के निर्यात में इजाफा हुआ है। 2023 में यह बढ़कर 4.32 अरब डॉलर हो गया है। वैश्विक मार्केट में देश की हिस्सेदारी बढ़कर 10.85 प्रतिशत हो गई है, जो कि 2014 में 5.89 प्रतिशत थी।

चीनी निर्यात भी खूब हो रहा है

भारत के चीनी निर्यात में भी असाधारण वृद्धि देखी गई है। देश की गन्ना या चुकंदर से बनी चीनी के वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी 2014 में 4.31 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 12.21 प्रतिशत हो गई है। इसका निर्यात मूल्य 2023 में 3.72 अरब डॉलर रहा है, जिससे भारत की दूसरे सबसे बड़े चीनी निर्यातक के रूप में स्थिति मजबूत हुई। भारत का कोलटार डिस्टिलेशन प्रोडक्ट्स का निर्यात 2023 में 1.71 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिससे वैश्विक बाजार में देश की हिस्सेदारी बढ़कर 5.48 प्रतिशत हो गई है।

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