Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Mar, 2025 11:16 AM

प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के अधिकारियों ने मुंबई, नई दिल्ली और गुरुग्राम में ग्रुपएम (GroupM), डेंट्सु (Dentsu) और इंटरपब्लिक ग्रुप (IPG) के दफ्तरों पर छापेमारी करने के बाद अब पब्लिसिस ग्रुप के कार्यालयों पर भी छापा मारा है। इन एजेंसियों पर विज्ञापन...
बिजनेस डेस्कः प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के अधिकारियों ने मुंबई, नई दिल्ली और गुरुग्राम में ग्रुपएम (GroupM), डेंट्सु (Dentsu) और इंटरपब्लिक ग्रुप (IPG) के दफ्तरों पर छापेमारी करने के बाद अब पब्लिसिस ग्रुप के कार्यालयों पर भी छापा मारा है। इन एजेंसियों पर विज्ञापन दरों और छूट को तय करने के आरोप लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, अन्य प्रमुख मीडिया एजेंसियों पर भी जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, "पब्लिसिस के दफ्तरों में भी इसी मामले में छापेमारी की गई। CCI विज्ञापन दरों और छूट को लेकर कार्टेलाइजेशन पर कार्रवाई करने की कोशिश कर रहा है।"
क्या कहता है कानून?
प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 3(3) के तहत, किसी भी उद्योग में कंपनियों के बीच ऐसा कोई समझौता जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कीमतें तय करता है या प्रतिस्पर्धा को सीमित करता है, अवैध माना जाता है। अब इस जांच के तहत ईमेल, मूल्य निर्धारण समझौते, आंतरिक बैठक के रिकॉर्ड और समन्वित रेट कार्ड की जांच की जाएगी ताकि किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों का खुलासा किया जा सके।
IBDF कार्यालय पर भी CCI की जांच
CCI के अधिकारियों ने भारतीय प्रसारण और डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के दफ्तर में भी जांच की है।
क्यों हुई कार्रवाई?
CCI ने विज्ञापन दरों और छूट को तय करने के आरोपों के चलते एजेंसियों और शीर्ष प्रसारकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सूत्रों के अनुसार, "अधिकारियों ने कानूनी सहायता देने से इनकार कर दिया। उन्होंने यह दावा किया कि उनके पास तलाशी वारंट है लेकिन उन्होंने कोई विवरण नहीं दिया। अधिकारियों ने किसी भी कॉल का जवाब देने से इनकार कर दिया और हमारे मोबाइल फोन जब्त कर लिए।"
फिलहाल, मीडिया एजेंसियां और IBDF इस छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।