Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Feb, 2025 11:37 AM
![america announces 25 tariff on steel and aluminum implemented from march 12](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_11_28_299366802steel-ll.jpg)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि 12 मार्च से स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। यह कदम अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही व्यापार नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों की रक्षा करना है।
बिजनेस डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि 12 मार्च से स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। यह कदम अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही व्यापार नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों की रक्षा करना है। ट्रंप के इस फैसले से भारत समेत कई देशों के व्यापार पर असर पड़ सकता है। यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय अमेरिका दौरे की तैयारी कर रहे हैं। 12 और 13 फरवरी को होने वाले इस दौरे से पहले ट्रंप के इस कदम ने हलचल मचा दी है।
क्या है ट्रंप का नया टैरिफ प्लान?
ट्रंप प्रशासन ने ऐलान किया है कि स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25% तक का अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया जाएगा। अमेरिकी सरकार का दावा है कि चीन समेत कई देश सस्ते दामों पर स्टील और एल्युमीनियम निर्यात कर अमेरिकी उद्योगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसी के चलते ट्रंप ने यह सख्त फैसला लिया है। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको पर पहले से तय यह शुल्क एक महीने के लिए रोक दिया है। इसका मतलब साफ है कि अमेरिका अभी भी कुछ देशों से बातचीत करने के मूड में है लेकिन भारत के लिए ऐसी कोई छूट नहीं दी गई है।
भारत को कितना होगा नुकसान?
भारत अमेरिका को हर साल करीब 300 करोड़ डॉलर (लगभग 26,250 करोड़ रुपए) का स्टील निर्यात करता है। हालांकि, भारत अमेरिका का सबसे बड़ा स्टील निर्यातक नहीं है। अमेरिका सबसे ज्यादा स्टील कनाडा, ब्राजील, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया और वियतनाम से खरीदता है। भारत इस सूची में थोड़ा पीछे है लेकिन इसके बावजूद टैरिफ बढ़ने से भारतीय स्टील कंपनियों को झटका लग सकता है। इस फैसले से एल्युमीनियम निर्यात पर भी असर पड़ेगा, हालांकि भारत से अमेरिका को एल्युमीनियम निर्यात स्टील के मुकाबले थोड़ा कम है लेकिन अगर ट्रंप प्रशासन आगे और धातु उत्पादों पर शुल्क बढ़ाता है, तो यह भारत के लिए और चिंता की बात हो सकती है।