चीन को झटका देने की तैयारी में अमेरिका, 200 चीनी कंपनियों पर बैन लगाने की तैयारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Nov, 2024 06:24 PM

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अमेरिका चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग पर एक और बड़ा वार करने की तैयारी में है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 200 चीनी कंपनियों को प्रतिबंधित व्यापार सूची में डालने जा रही है, जिसमें चिप निर्माण उपकरण और सामग्री सप्लाई करने वाली प्रमुख...

बिजनेस डेस्कः अमेरिका चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग पर एक और बड़ा वार करने की तैयारी में है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 200 चीनी कंपनियों को प्रतिबंधित व्यापार सूची में डालने जा रही है, जिसमें चिप निर्माण उपकरण और सामग्री सप्लाई करने वाली प्रमुख कंपनियां शामिल होंगी।

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चीन की आत्मनिर्भरता को झटका

यह कदम चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को और मुश्किल बना सकता है। इस लिस्ट में हुवावे टेक्नोलॉजीज और उससे जुड़े चिप निर्माण प्लांट्स को भी निशाना बनाया गया है। हुवावे 2019 से ही अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। अमेरिका के ये नए प्रतिबंध चीन की चिप सप्लाई चेन को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। इनसे वेंचर कैपिटल और विशेष गैस सप्लाई करने वाली 

चीन का विरोध और प्रतिक्रिया

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इन प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इन प्रतिबंधों को अनुचित बताते हुए कहा है कि ये कदम अमेरिका-चीन आर्थिक संबंधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी विवाद और गहरा हो गया है। अमेरिका के इन प्रतिबंधों का उद्देश्य चीन को एडवांस तकनीकों तक पहुंच से रोकना है, जिनसे उसकी सैन्य ताकत बढ़ सकती है।

पिछले प्रतिबंधों के तहत अमेरिका ने चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उद्योग को Nvidia और ASML जैसी कंपनियों की एडवांस चिप्स और उपकरणों से वंचित कर दिया था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया कदम चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए बड़ा झटका होगा।

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चीन के आत्मनिर्भरता के प्रयास

  • चीन ने कम एडवांस चिप निर्माण उपकरण विकसित किए हैं लेकिन लिथोग्राफी जैसे हाई-टेक उपकरणों के लिए अभी भी आयात पर निर्भरता बनी हुई है।
  • नॉरा टेक्नोलॉजी ग्रुप और एडवांस्ड माइक्रो-फैब्रिकेशन जैसी घरेलू कंपनियां तेजी से प्रगति कर रही हैं।
  • चीन विदेशी निवेश आकर्षित करने और व्यापार संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

चीन की जवाबी कार्रवाई

  • चीन ने पहले भी अमेरिकी रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
  • हुवावे और अन्य चीनी कंपनियां शोध और विकास में भारी निवेश कर रही हैं ताकि विदेशी उपकरणों पर निर्भरता कम हो।

यह तकनीकी विवाद अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा को और तेज कर रहा है, जिसका असर वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग पर गहराई से पड़ सकता है।
  

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