Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Oct, 2024 06:03 PM
अमेरिका की अर्थव्यवस्था इस समय गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है, जहां छोटी कंपनियों का घाटा बढ़ता जा रहा है। रसेल 2000 इंडेक्स में शामिल 43% कंपनियां घाटे में चल रही हैं, जो 2020 की महामारी और 2008 के वित्तीय संकट के स्तर से भी खराब स्थिति दर्शाता...
बिजनेस डेस्कः अमेरिका की अर्थव्यवस्था इस समय गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है, जहां छोटी कंपनियों का घाटा बढ़ता जा रहा है। रसेल 2000 इंडेक्स में शामिल 43% कंपनियां घाटे में चल रही हैं, जो 2020 की महामारी और 2008 के वित्तीय संकट के स्तर से भी खराब स्थिति दर्शाता है। तब 41 फीसदी छोटी कंपनियां घाटे में चल रही थीं। उच्च ब्याज दरों के चलते इन कंपनियों पर ब्याज चुकाने का बोझ 2003 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
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न केवल छोटी कंपनियां, बल्कि बड़ी कंपनियां भी मुश्किल में हैं। इस साल अब तक 512 बड़ी कंपनियां दिवालिया घोषित हो चुकी हैं, जो महामारी के दौर के बाद की सबसे बड़ी संख्या है। सितंबर में जहां 59 कंपनियां दिवालिया हुईं, वहीं अगस्त में 63 कंपनियों ने खुद को बैंकरप्ट घोषित किया। सबसे ज्यादा 81 कंपनियां कंज्यूमर सेक्टर में बैंकरप्ट हुई हैं। इंडस्ट्रियल में 60 और हेल्थकेयर में 48 कंपनियां इस साल बैंकरप्ट हुई हैं।
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अमेरिका पर कर्ज
इसके अलावा, अमेरिका का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है और अब 35.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो उसकी जीडीपी का लगभग 125% है। कर्ज का यह स्तर 2000 में 5.7 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2020 में 23.2 ट्रिलियन डॉलर हो चुका है। अगले दशक में यह कर्ज 54 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। देश पर ब्याज भुगतान का भार भी प्रतिदिन 1.8 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है, जो आर्थिक स्थिति को और भी मुश्किल बना रहा है।