Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Sep, 2024 04:07 PM
अमेरिका-चीन में लंबे समय से ट्रेड वॉर चलती आ रही है। जिस कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव चल रहा है, जो अमेरिका और चीन के कारोबारी संबंधों को प्रभावित कर रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है, जिससे विदेशी कंपनियों के लिए...
बिजनेस डेस्कः अमेरिका-चीन में लंबे समय से ट्रेड वॉर चलती आ रही है। जिस कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव चल रहा है, जो अमेरिका और चीन के कारोबारी संबंधों को प्रभावित कर रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है, जिससे विदेशी कंपनियों के लिए वहां व्यापार करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अमेरिकी कंपनियों का नया ठिकाना
कई अमेरिकी कंपनियां अब चीन से बाहर निकलने और भारत में निवेश करने पर विचार कर रही हैं। उन्हें चीन के बाद सबसे उपयुक्त देश भारत लग रहा है। यूएस चैम्बर ऑफ कॉमर्स (US Chamber of Commerce) की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 15 अमेरिकी कंपनियां भारत को अपना नया घर बना सकती हैं। ये कंपनियां लाखों करोड़ रुपए का निवेश लेकर आएंगी। इससे भारत में न सिर्फ विदेशी निवेश बढ़ेगा बल्कि लाखों रोजगार भी पैदा होने की पूरी संभावना है।
करीब 15 कंपनियां भारत जाने की इच्छुक
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कंपनियों में चीन से बाहर निकलने की इच्छा तेज होती जा रही है। लगभग 50 कंपनियां इस बारे में अपना मन बना चुकी हैं। इन्होंने चीन में करीब 12 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ है। इनमें से लगभग 15 अपना कारोबार भारत ले जाना चाहती हैं। इस रिपोर्ट में 306 कंपनियों को शामिल किया गया था।
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लिस्ट में 5वें से दूसरे नंबर पर आया भारत
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि निवेशकों को अब मेक्सिको, अमेरिका और यूरोप की तुलना में भारत ज्यादा पसंद आ रहा है। निवेशकों की पसंद पर आधारित इस रिपोर्ट में पिछले साल भारत 5वें नंबर पर रहा था। इस साल भारत दूसरे नंबर पर आ गया है। पहले नंबर पर दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र है। इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया अब भी निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है। निवेशकों के बीच चीन अपना चार्म खोता चला जा रहा है।
इन कंपनियों को पसंद आ रहा भारत
रिपोर्ट के अनुसार, मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनियों को भारत बहुत पसंद आ रहा है। पिछले साल करीब 40 फीसदी अमेरिकी कंपनियां चीन में निवेश की योजना बना रही थीं। अब वो भारत जाना चाहती हैं। मैनेजमेंट कंसल्टिंग सेक्टर में 54 फीसदी कंपनियों ने ऐसी इच्छा जताई है। गारमेंट और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने भी भारत में निवेश को लेकर अपनी रुचि दिखाई है। प्राथमिकता जाहिर की है। यूएस चैम्बर ऑफ कॉमर्स की रिपोर्ट में शामिल 306 अमेरिकी कंपनियों में से ज्यादातर ने माना कि भारत में निवेश के लिए अच्छा माहौल बन रहा है। भारत का बड़ा बाजार भी उन्हें प्रोत्साहित कर रहा है।
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चीन में बदला माहौल
कोरोना के बाद चीन की सख्त नीतियों ने विदेशी कंपनियों के लिए चुनौती उत्पन्न की है, जिसमें बेरोजगारी और बूढ़ी होती आबादी शामिल हैं। यह रिपोर्ट भारत के लिए विदेशी निवेश को बढ़ाने और रोजगार सृजन के बड़े अवसरों की ओर इशारा करती है।