Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jan, 2025 06:14 PM
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को सीमापार लेन-देन में भारतीय रुपए और स्थानीय/राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उदार मानदंडों की घोषणा की। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब रुपए की विनिमय दर गिरावट की ओर बढ़ रही है और सोमवार...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को सीमापार लेन-देन में भारतीय रुपए और स्थानीय/राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उदार मानदंडों की घोषणा की। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब रुपए की विनिमय दर गिरावट की ओर बढ़ रही है और सोमवार को यह अब तक के सबसे निचले स्तर 86.70 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
आरबीआई पहले ही संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया और मालदीव के केंद्रीय बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर चुका है, ताकि व्यापार में भारतीय रुपए का उपयोग बढ़ाया जा सके। जुलाई 2022 में भारतीय रुपए के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष रुपया वोस्ट्रो खाता व्यवस्था शुरू की गई थी। इसके तहत कई विदेशी बैंकों ने भारत में बैंकों में ये खाते खोले हैं।
अब आरबीआई ने फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) नियमों में बदलाव करते हुए कहा है कि अधिकृत डीलर बैंकों की विदेशी शाखाएं भारत में रहने वाले व्यक्तियों के लिए रुपया खाता खोलने में सक्षम होंगी। इस व्यवस्था के तहत, प्रवासी भारतीय विशेष प्रवासी रुपया खाता (एसआरवीए) के जरिए अन्य प्रवासियों के साथ पात्र लेनदेन का निपटान कर सकेंगे।
इसके अलावा भारत से बाहर रहने वाले व्यक्ति एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) और अन्य विदेशी निवेश के लिए रुपयों में रखी अपनी शेष राशि का उपयोग कर सकेंगे। भारतीय निर्यातक भी व्यापार से जुड़े सौदों जैसे निर्यात आय प्राप्ति और आयात भुगतान के लिए अन्य देशों में विदेशी मुद्रा में खाते खोल सकेंगे।
यह निर्णय भारतीय रुपए में सीमापार लेन-देन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे केंद्र सरकार के परामर्श से 1999 के फेमा नियमों की समीक्षा के बाद लिया गया है।