Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jan, 2025 04:22 PM
हर सप्ताह 70 से 90 घंटे तक काम करने की चर्चा के बीच आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited) के चेयरमैन संजीव पुरी (Sanjiv Puri) ने भी अपना तर्क दिया है। उन्होंने कर्मचारियों के लिए काम के घंटों के बजाय कंपनी के विजन से जुड़ने को अधिक महत्वपूर्ण बताया है।...
बिजनेस डेस्कः हर सप्ताह 70 से 90 घंटे तक काम करने की चर्चा के बीच आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited) के चेयरमैन संजीव पुरी (Sanjiv Puri) ने भी अपना तर्क दिया है। उन्होंने कर्मचारियों के लिए काम के घंटों के बजाय कंपनी के विजन से जुड़ने को अधिक महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को यह समझना चाहिए कि वे सिर्फ काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक बड़े उद्देश्य का हिस्सा हैं।
महल बनाने का दृष्टिकोण ज़रूरी
पुरी ने कहा कि कर्मचारियों को यह समझने की आवश्यकता है कि वे केवल दीवार नहीं बना रहे हैं, बल्कि एक महल बनाने का हिस्सा हैं। यह टिप्पणी लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड के प्रमुख एसएन सुब्रह्मण्यन की उस विवादास्पद टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने सप्ताह में 90 घंटे काम करने की बात कही थी।
आईटीसी का लचीला कार्य संस्कृति पर जोर
पुरी ने स्पष्ट किया कि आईटीसी काम के घंटों को सख्ती से लागू करने में विश्वास नहीं रखती। कंपनी लचीले कार्य वातावरण का समर्थन करती है, जिसमें सप्ताह में दो दिन घर से काम करने की अनुमति भी शामिल है। उनका कहना है कि कर्मचारियों को प्रेरित और सशक्त बनाना ही कंपनी की प्राथमिकता है।
सुब्रह्मण्यन की टिप्पणी पर गरम बहस
एलएंडटी प्रमुख सुब्रह्मण्यन के उस बयान, जिसमें उन्होंने रविवार को भी काम करने की बात कही थी, ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। उन्होंने मजाक में कहा कि "घर पर बैठकर आप क्या करते हैं? पत्नी को कब तक घूर सकते हैं?" इस बयान की तीव्र आलोचना हुई, जिसके बाद कार्य-जीवन संतुलन पर चर्चा तेज हो गई।
भारत का दशक पर आईटीसी का फोकस
पुरी ने कहा कि यह भारत का दशक है, और प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। आईटीसी का मानना है कि कंपनी का उद्देश्य केवल व्यवसाय करना नहीं है, बल्कि अपने कर्मचारियों को कंपनी के लक्ष्य और विजन के साथ प्रेरित करना है।