Updated: 20 Mar, 2025 06:03 PM
संतुलन बनाने की यह प्रक्रिया एक तय तरीके से होती है। सबसे पहले यह देखा जाता है कि वज़ीरएक्स (WazirX) के पास क्या संपत्ति है और उस पर कितना कर्ज़ है।
नई दिल्ली। बिज़नेस में हमेशा सब कुछ योजना के अनुसार नहीं चलता। जब कोई कंपनी वित्तीय संकट का सामना करती है तो कंपनियों को पुनर्गठन की दिशा में आगे बढ़ना आवश्यक हो जाता है। बल्कि यह संकेत होता है कि अब राह बदलने का समय आ गया है। संतुलन बनाने की यह प्रक्रिया एक तय तरीके से होती है। सबसे पहले यह देखा जाता है कि वज़ीरएक्स (WazirX) के पास क्या संपत्ति है और उस पर कितना कर्ज़ है। क्रिप्टोकरेंसी जैसे उतार-चढ़ाव वाले बाज़ार में, जहां चीजों के दाम तेजी से बदलते हैं, यह प्रक्रिया और भी ज़रूरी हो जाती है।
इस समय हो रही एक घटना का उदाहरण
इसका एक अच्छा उदाहरण वज़ीरएक्स (WazirX) और ज़ेटाई (Zettai) है, जो इसकी क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो लेन-देन को चलाता है। उत्तर कोरियाई हैकर्स द्वारा 2024 में हुए साइबर अटैक के कारण कंपनी को भारी नुकसान हुआ और संपत्तियों की कमी हो गई। इस कठिन स्थिति में ज़ेटाई (Zettai) ने पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की। सबसे पहले, उसने अपनी होल्डिंग्स को सुरक्षित और सही तरीके से दोबारा व्यवस्थित किया, ताकि कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी ठीक से पूरी की जा सके।
$230M साइबर अटैक के बाद अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान द्वारा जारी संयुक्त बयान में यह बताया गया कि वज़ीरएक्स (WazirX) उत्तर कोरियाई हैकर ग्रुप का शिकार हुआ है। इस भारी वित्तीय नुकसान के बाद, वज़ीरएक्स (WazirX) को तुरंत कदम उठाने पड़े, क्योंकि बहुत कुछ दांव पर लगा था। उन्हें आगे बढ़ने और फंड को जल्द से जल्द वापस पाने के लिए एक ठोस और कानूनी रूप से मान्य समाधान की जरूरत थी।
समाधान क्या था?
स्कीम ऑफ अरेंजमेंट दायर करना!
यह योजना सिंगापुर के इनसॉल्वेंसी, रिस्ट्रक्चरिंग और डिसॉल्यूशन एक्ट के तहत दायर की गई। यह एक कोर्ट द्वारा मंज़ूर योजना है, जो यह सुनिश्चित करती है कि केवल कंपनी ही नहीं, बल्कि ऋणदाता भी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएं।
इस योजना का मकसद फंड की रिकवरी, पारदर्शिता और न्यायपूर्ण समाधान सुनिश्चित करना है।
यह क्यों ज़रूरी है?
सभी के लिए समान: बड़े हों या छोटे, हर ऋणदाता के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाएगा।
कानूनी रूप से वैध: इसे न्यायालय द्वारा मंजूरी प्राप्त हुई है, जिससे यह कानूनी रूप से बाध्यकारी और सुरक्षित बनती है।
जल्द समाधान – इसका लक्ष्य है कि फंड को जल्द से जल्द रिकवर किया जाए।
लेकिन यह योजना तभी लागू होगी जब यूजर्स "हाँ" के पक्ष में वोट करेंगे। अगर यूजर्स इस योजना को मंजूरी देने के लिए "हाँ" में वोट करते हैं, तभी यह प्रभावी होगी। योजना लागू होने के बाद, यूजर्स को अपनी राशि का 85% मूल्य 10 कार्यदिवसों के भीतर वापस मिल जाएगा। ज़ेटाई (Zettai) 19 मार्च से वोटिंग प्रक्रिया शुरू कर रहा है, और यूजर्स 28 मार्च तक अपनी पसंद के अनुसार वोट कर सकते हैं।
स्कीम ऑफ अरेंजमेंट योजना यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि हर ऋणदाता के साथ एक जैसा व्यवहार किया जाए, चाहे उसकी रकम छोटी हो या बड़ी। इसके अलावा, ज़ेटाई (Zettai) ने इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (Committee of Creditors - COC) बनाई है। यह समूह ऋणदाताओं के हितों की रक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सभी फैसले पारदर्शी और यूजर्स के हित में हों।
ज़ेटाई (Zettai) सिर्फ कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रहा, बल्कि आगे की सोच भी रहा है।
ज़ेटाई (Zettai) लगातार टाउनहॉल आयोजित कर रहा है, जहां संस्थापक निश्चल शेट्टी और ज़ेटाई (Zettai) के वित्तीय सलाहकार यूजर्स की समस्याओं का समाधान करते हैं।
उन्होंने "रीबैलेंसिंग कैलकुलेटर" जैसे टूल लॉन्च किए हैं, जिससे फंड के वितरण को समझना आसान हो जाए।
अगर यह योजना मंज़ूर नहीं हुई तो क्या होगा?
यहीं पर स्थिति मुश्किल हो सकती है। अगर पुनर्गठन योजना को मंज़ूरी नहीं मिली, तो इससे प्रक्रिया में देरी होगी और स्थिति और खराब हो सकती है। अगर न्यायालय-स्वीकृत समाधान नहीं मिलेगा तो आगे बढ़ने का कोई साफ़ रास्ता नहीं रहेगा। इससे ऋणदाताओं को नुकसान होगा, क्योंकि उन्हें अपनों राशि की रिकवरी की कोई गारंटी नहीं मिलेगी। अगर यूजर्स 'ना' में वोट करते हैं, तो उनके टोकन्स और फंड का मूल्य डूब सकता है, और रिकवरी कब होगी इसका भी कोई भरोसा नहीं होगा।
ज़ेटाई (Zettai) की पुनर्गठन योजना सिर्फ़ पुरानी समस्याओं को हल करने के लिए नहीं, बल्कि भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भी है। जहां क्रिप्टो जगत में आमतौर पर रिकवरी में सालों लग जाते हैं, वज़ीरएक्स (WazirX) की योजना अप्रैल 2025 तक सिर्फ कुछ महीनों में यूजर्स को उनके फंड का लगभग 85% वापस देने की है। अगर दूसरी बड़ी क्रिप्टो घटनाओं से तुलना करें तो माउंट गोक्स (Mt. Gox) और एफटीएक्स (FTX) जैसी घटनाओं में लेनदारों को सालों तक इंतज़ार करना पड़ा और आज भी वे पूरी तरह से अपने फंड की वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जबकि ज़ेटाई (Zettai) की तेज़ रिकवरी योजना यह दिखाती है कि रिकवरी महीनों में हो सकती है।
क्राइसिस रिकवरी में नया इंडस्ट्री स्टैंडर्ड सेट करना
अप्रैल 2025 में योजना को मंजूरी मिलने के बाद पहली फंड वापसी होगी। इसके बाद, कंपनी अगले तीन साल तक संपत्तियों का वितरण करना जारी रखेगी, ताकि जैसे-जैसे और संपत्तियां उपलब्ध होंगी, ऋणदाताओं को उनका उचित मुआवजा मिलता रहेगा। इसमें चोरी हुए टोकन्स की रिकवरी और कंपनी के ऑपरेशन्स से होने वाले लाभ को भी शामिल किया जाएगा। इन अतिरिक्त फंड वितरण को रिकवरी टोकन्स के ज़रिए मैनेज किया जाएगा, जिससे यूजर्स के लिए प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित बनी रहेगी।
ज़ेटाई (Zettai) की पुनर्गठन रणनीति न केवल यूजर्स के हितों की रक्षा करेगी, बल्कि क्रिप्टो इंडस्ट्री में संकट प्रबंधन का एक नया मानक स्थापित करेगी। यह एक तेज़ और न्यायसंगत रिकवरी प्रक्रिया का उदाहरण बनेगा, जिससे भविष्य में अन्य कंपनियां भी सीख सकेंगी।