Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Dec, 2024 05:38 PM
हर साल दिसंबर के अंत में ऑटो कंपनियां अगले साल जनवरी से दाम बढ़ाने की घोषणा करती हैं। ये दाम नए साल के पहले महीने से जनवरी से लागू होते हैं। कंपनियों के मुताबिक, कीमतें बढ़ाने का मुख्य कारण उत्पादन लागत में इजाफा है। कार बनाने में इस्तेमाल होने वाले...
बिजनेस डेस्कः हर साल दिसंबर के अंत में ऑटो कंपनियां अगले साल जनवरी से दाम बढ़ाने की घोषणा करती हैं। ये दाम नए साल के पहले महीने से जनवरी से लागू होते हैं। कंपनियों के मुताबिक, कीमतें बढ़ाने का मुख्य कारण उत्पादन लागत में इजाफा है। कार बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल जैसे स्टील, एल्यूमिनियम, प्लास्टिक और अन्य सामग्री की कीमतें बढ़ने से कंपनियों पर दबाव आता है।
दूसरा प्रमुख कारण विदेशी मुद्रा विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव है। रुपए की कमजोरी के कारण आयातित पुर्जों की लागत बढ़ जाती है, जिसका असर गाड़ियों की कीमतों पर पड़ता है। हालांकि, कंपनियां यह बढ़ोतरी आमतौर पर मामूली रखती हैं और ग्राहकों को पहले ही सूचना देकर उन्हें खरीदारी की योजना बनाने का मौका देती हैं।
दिसंबर में दाम बढ़ाने की घोषणा का एक और व्यावहारिक पहलू यह है कि इससे कंपनियों को साल के आखिरी महीने में बिक्री बढ़ाने का मौका मिलता है, क्योंकि ग्राहक दाम बढ़ने से पहले गाड़ी खरीदने में रुचि दिखाते हैं।
पहले आपको बताते हैं कि कौन सी कंपनी कितने दाम बढ़ाने जा रही है?
मारुति- देश की सबसे बड़ी कार कंपनी, मारुति सुजुकी ने अपने सभी कारों की कीमतों में 4% तक बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
हुंडई- मोटर ने कहा वह 1 जनवरी 2025 से अपने सभी मॉडलों की कीमतों में 25,000 रुपए की बढ़ोतरी करेगी।
टाटा मोटर्स ने कहा कि वह जनवरी से अपनी कारों की कीमतों में 3% तक की बढ़ोतरी करेगी। इसमें कंपनी की इलेट्रिक्ट कारें भी शामिल हैं।
निसान मैग्नाइट अपनी SUV की कीमतों में 2% की बढ़ोतरी करेगी। हालांकि यह बढ़ोतरी कंपनी की एक्स-ट्रेल SUV पर नहीं लागू होगी।
बीएमडब्ल्यू इंडिया ने नए साल से अपनी कारों के दाम 3% तक बढ़ाने की पुष्टि की है।
मर्सिडीज-बेंज ने कहा कि वह 31 दिसंबर, 2024 के बाद बनने वाले अपने सभी मॉडलों की कीमतों में 3% तक की बढ़ोतरी करेगी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने जनवरी 2025 से अपने SUV और कमर्शियल व्हीकल्स दोनों के दाम में 3% तक बढ़ोतरी का फैसला किया।
जानिए, क्यों जनवरी से ऑटो कंपनियां बढ़ा देती हैं दाम
हर साल जनवरी में ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने वाहनों की कीमतें बढ़ा देती हैं। इसके पीछे कई अहम वजहें होती हैं, जो ग्राहकों और बाजार की जरूरतों से जुड़ी होती हैं।
मैन्युफैक्चरिंग लागत में बढ़ोतरी
कार निर्माण में उपयोग होने वाले स्टील, एल्युमिनियम, प्लास्टिक और रबर जैसे कच्चे माल की कीमतों में इजाफा होता रहता है। इससे निर्माण लागत बढ़ती है। (उदाहरण: टाटा मोटर्स ने ट्रक और बसों के दाम बढ़ाने का एलान किया है)।
ऊर्जा और कर्मचारियों का खर्च
बिजली, ईंधन और कर्मचारियों पर होने वाला खर्च हर साल बढ़ता है, जो उत्पादन लागत में इजाफे का कारण बनता है।
BS-VI फेस-2 मानकों का पालन
2023 में BS-VI फेस-2 उत्सर्जन मानक लागू होने के बाद वाहन निर्माण में नई टेक्नोलॉजी और उपकरणों का इस्तेमाल जरूरी हो गया है। यह कंपनियों की लागत को और बढ़ाता है।
नई टेक्नोलॉजी और फीचर्स
आजकल वाहनों में स्मार्ट कनेक्टिविटी, उन्नत सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे फीचर्स जोड़े जा रहे हैं, जिससे वाहनों की लागत बढ़ती है।
महंगाई का दबाव
महंगाई के कारण हर उत्पादन प्रक्रिया की लागत बढ़ जाती है। कंपनियां इसे संतुलित करने के लिए कीमतें बढ़ाती हैं।
छूट और ऑफर्स का संतुलन
दिसंबर में कंपनियां पुराने स्टॉक को बेचने के लिए भारी छूट देती हैं। जनवरी में कीमतें बढ़ाकर वे इन छूटों से हुए नुकसान की भरपाई करती हैं।
विदेशी मुद्रा उतार-चढ़ाव
भारत में कई वाहन कंपनियां उपकरण और टेक्नोलॉजी आयात करती हैं। रुपये की कमजोरी के कारण आयात लागत बढ़ने से वाहन की कीमतें भी बढ़ानी पड़ती हैं।
ये सभी कारण मिलकर जनवरी में कीमत बढ़ाने की परंपरा को जारी रखते हैं। ग्राहक इनकी जानकारी लेकर अपने खरीदारी के फैसले को समय पर ले सकते हैं।