Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Nov, 2024 10:30 AM
गुरुवार (21 नवंबर) को एक बार फिर से भारतीय बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉट एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स लाल निशान पर खुला और कुछ ही मिनटों में 700 अंकों को गोता लगाते हुए 76,800 के लेवल पर पहुंच गया। इसके साथ...
बिजनेस डेस्कः गुरुवार (21 नवंबर) को एक बार फिर से भारतीय बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉट एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला इंडेक्स सेंसेक्स लाल निशान पर खुला और कुछ ही मिनटों में 700 अंकों को गोता लगाते हुए 76,800 के लेवल पर पहुंच गया। इसके साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 200 अंक फिसलकर 23,300 के लेवल पर आ गया। अमेरिका से आई एक खबर के बाद Adani Stocks में गिरावट देखने को मिली है, जिसमें अरबपति गौतम अडानी पर बड़े आरोप लगाए गए हैं।
गुरुवार को शेयर बाजार में मचे कोहराम के बीच सबसे ज्यादा भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के शेयर फिसले और कुछ स्टॉक्स तो 20 फीसदी तक फिसल गए। Adani Green Energy (20%), Adani Energy Solutions (20.00%), Adani Power(13.75%), Adani Ports (10.00%), Adani Wilmar (9.51%) गिरकर ट्रेड कर रहे थे। इसके अलावा Adani Enterprises का शेयर 10%, Adani Total Gas 14.70%, ACC Ltd 14.35%, Ambuja Cements 10.00% और NDTV Share 12.29% तक फिसल गया।
अमेरिका से अडानी को लेकर किए गए ये दावे
गौतम अडानी के शेयरों में ये गिरावट दरअसल अमेरिका से आई एक खबर के बाद देखने को मिली है। जिसमें अडानी ग्रुप की कंपनी पर झूठ बोलने और कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Gautam Adani पर US में उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Ltd) को सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट के लिए कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपए) की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगाया गया है।
अडानी ग्रुप ने बयान जारी कर कही ये बात
इस पूरे मामले पर अब अडानी ग्रीन का बयान भी आ गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी न्याय विभाग और SEC ने हमारे बोर्ड के सदस्यों गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने एक अभियोग जारी किया है। US स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने हमारे बोर्ड के सदस्य विनीत जैन को भी इसमें शामिल किया है। इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, हमारी सहायक कंपनियों ने फिलहाल प्रस्तावित USD नामित बॉन्ड पेशकशों के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अमेरिका से लगे आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों ने 600 मिलियन डॉलर के बॉन्ड को रद्द कर दिया है।