Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Feb, 2025 10:25 AM
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भारत में अधिकांश लोग अपनी दैनिक जरूरतों के लिए यूपीआई के जरिए भुगतान कर रहे हैं, जिससे लेनदेन का बड़ा हिस्सा डिजिटल हो गया है। देशभर में हर दिन करोड़ों यूपीआई ट्रांजैक्शन होते हैं, जिनके जरिए सैकड़ों करोड़ रुपए का आदान-प्रदान किया जाता है। पेटीएम,...
बिजनेस डेस्कः भारत में अधिकांश लोग अपनी दैनिक जरूरतों के लिए यूपीआई के जरिए भुगतान कर रहे हैं, जिससे लेनदेन का बड़ा हिस्सा डिजिटल हो गया है। देशभर में हर दिन करोड़ों यूपीआई ट्रांजैक्शन होते हैं, जिनके जरिए सैकड़ों करोड़ रुपए का आदान-प्रदान किया जाता है। पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसी कंपनियां यूपीआई पेमेंट सेवाओं में अग्रणी हैं और अब तक ये सेवाएं ज्यादातर मुफ्त रही हैं लेकिन अब शायद लोगों के लिए ये फ्री वाली सेवाएं जल्द ही बंद हो सकती हैं और आपको अलग-अलग सर्विसेज के लिए फीस चुकानी पड़ सकती है।
अब इन सर्विसेज के लिए देना होगा चार्ज
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप बिल पेमेंट के लिए क्रेडिट या फिर डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करेंगे तो 0.5 फीसदी से 1 फीसदी तक का चार्ज आप लोगों से लिया जाएगा, इस चार्ज के अलावा आपको GST भी देना पड़ेगा। याद दिला दें कि अब तक गूगल पे यूजर्स से बिल पेमेंट्स के लिए कोई भी अतिरिक्त चार्ज नहीं लेता था। कनविनियंस चार्ज को लेकर फिलहाल गूगल पे ने कोई भी ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है।
मोबाइल चार्ज पर भी लग रहा चार्ज
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि एक साल पहले से ही गूगल पे यूजर्स से मोबाइल चार्ज पर 3 रुपए की कनविनियंस फीस चार्ज कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जब एक ग्राहक ने जब बिजली बिल भरने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया तो ऐप ने 15 रुपए की कनविनियंस फीस यूजर से चार्ज की है। इस फीस को डेबिट/ क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन के लिए प्रोसेसिंग फीस नाम से ऐप में दिखाया जा रहा है जिसमें GST भी शामिल है।
क्या UPI ट्रांजैक्शन पर भी लगेगा चार्ज?
गूगल पे के जरिए यूपीआई ट्रांजैक्शन पर चार्ज को लेकर फिलहाल कोई भी जानकारी नहीं है, ग्लोबल सर्विस फर्म PwC के अनुसार, स्टेकहोल्डर्स को यूपीआई ट्रांजेक्शन प्रक्रिया में 0.25 फीसदी खर्च करना पड़ता है। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन खर्चों को कवर करने के लिए अब फिनटेक कंपनियां नए रेवेन्यू मॉडल्स को अपना रही हैं। UPI ट्रांजेक्शन अभी तक पूरी तरह से फ्री है, कई बार यूपीआई पर भी चार्ज लगाने की मांग उठी है लेकिन अब तक सरकार की ओर से इसे फ्री रखा गया है।