Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Mar, 2025 11:40 AM

एक मई से एटीएम से पैसे निकालना और बैलेंस चेक करना महंगा हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ाने की मंजूरी दे दी है, जिससे ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। यदि आप अपने बैंक के बजाय किसी अन्य बैंक के एटीएम का...
बिजनेस डेस्कः एक मई से एटीएम से पैसे निकालना और बैलेंस चेक करना महंगा हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम इंटरचेंज फीस बढ़ाने की मंजूरी दे दी है, जिससे ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। यदि आप अपने बैंक के बजाय किसी अन्य बैंक के एटीएम का उपयोग करते हैं, तो आपको अधिक चार्ज देना होगा। यह बदलाव व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर्स की मांग पर और RBI की स्वीकृति के बाद लागू किया जा रहा है।
नई फीस दरें
- कैश निकासी शुल्क: 17 रुपए से बढ़कर 19 रुपए हो जाएगा।
- बैलेंस चेक शुल्क: 6 रुपए से बढ़कर 7 रुपए हो जाएगा।
ये शुल्क तब लागू होंगे जब ग्राहक अपनी मुफ्त ट्रांजैक्शन लिमिट पार कर लेंगे। मेट्रो शहरों में पांच और नॉन-मेट्रो शहरों में तीन मुफ्त लेनदेन की सीमा तय है।
फीस बढ़ाने की वजह
यह फैसला नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के प्रस्ताव पर लिया गया है। व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटर्स का कहना था कि बढ़ती लागत को पूरा करने के लिए इंटरचेंज फीस बढ़ाना जरूरी था।
छोटे बैंकों पर बड़ा असर
छोटे बैंकों के ग्राहकों को ज्यादा परेशानी हो सकती है क्योंकि इनके पास सीमित संख्या में एटीएम होते हैं। इंटरचेंज फीस बढ़ने से ऐसे ग्राहक जो अन्य बैंकों के एटीएम पर निर्भर हैं, उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
कैसे बच सकते हैं अतिरिक्त चार्ज से?
- अपने ही बैंक के एटीएम का अधिक इस्तेमाल करें।
- डिजिटल पेमेंट के विकल्प अपनाएं।
- यूपीआई, मोबाइल बैंकिंग और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का उपयोग बढ़ाएं।