Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2024 03:22 PM
केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। जुलाई 2023 में यह प्रतिबंध घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए लगाया गया था। एक्सपोर्टर्स ने सरकार के इस फैसले की...
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। जुलाई 2023 में यह प्रतिबंध घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए लगाया गया था। एक्सपोर्टर्स ने सरकार के इस फैसले की सराहना की है और इसे कृषि क्षेत्र के लिए अहम करार दिया है। राइस विला के सीईओ सूरज अग्रवाल ने कहा कि यह साहसिक निर्णय कृषि क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा।
पारबॉइल्ड चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी घटाई गई
सरकार ने पारबॉइल्ड चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। इसका कारण देश में अनाज का बढ़ता भंडार और नई फसल की कटाई के लिए किसानों की तैयारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भरपूर मानसूनी बारिश के कारण इस साल किसानों ने 41.35 मिलियन हेक्टेयर में चावल बोया है, जो पिछले साल और पिछले पांच वर्षों के औसत से अधिक है।
ड्यूटी में कटौती से होगा फायदा
पारबॉइल्ड चावल पर ड्यूटी कम होने से भारत के एक्सपोर्ट प्राइस कम होंगे और शिपमेंट में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही, थाइलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को भी अपने एक्सपोर्ट प्राइस कम करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। भारत ने 2023 में कम बारिश के कारण फसल प्रभावित होने पर पारबॉइल्ड चावल पर 20% ड्यूटी लगाई थी।
ब्राउन और सफेद चावल पर भी ड्यूटी में कमी
सरकार ने ब्राउन राइस और छिलके वाले चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी घटाकर 10% कर दी है, जबकि सफेद चावल पर ड्यूटी पूरी तरह से खत्म कर दी गई है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्राइवेट ट्रेडर्स को एक्सपोर्ट की इजाजत मिलेगी या एक्सपोर्ट केवल सरकार के बीच सौदों तक सीमित रहेगा।