बांग्लादेश ने चीनी आयात के लिए पाकिस्तान से मिलाया हाथ, भारत को हो सकता है बड़ा नुकसान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Dec, 2024 04:27 PM

bangladesh started buying sugar from pakistan india may suffer huge loss

बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों में नई मजबूती देखी जा रही है। भारत से बढ़ती दूरियों के बीच बांग्लादेश ने पाकिस्तान से चीनी आयात का निर्णय लिया है, जिससे भारत को आर्थिक झटका लग सकता है। दरअसल, बांग्लादेश ने पहली बार

बिजनेस डेस्कः बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों में नई मजबूती देखी जा रही है। भारत से बढ़ती दूरियों के बीच बांग्लादेश ने पाकिस्तान से चीनी आयात का निर्णय लिया है, जिससे भारत को आर्थिक झटका लग सकता है। दरअसल, बांग्लादेश ने पहली बार पाकिस्तान से भारी मात्रा में चीनी खरीदने का निर्णय लिया है।

पाकिस्तान से बांग्लादेश को चीनी का निर्यात

पाकिस्तान अगले महीने कराची पोर्ट से चिटगॉन्ग पोर्ट तक लगभग 600,000 टन चीनी की पहली खेप भेजने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह सौदा कई वर्षों बाद हुआ है। आपको बता दें, अब तक बांग्लादेश अपनी चीनी की जरूरत भारत से पूरी करता था लेकिन भारत द्वारा चीनी निर्यात पर रोक लगाए जाने के कारण उसने पाकिस्तान से आयात का विकल्प चुना है।

क्या है पूरा मामला

पाकिस्तानी शुगर इंडस्ट्री ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अनुमति के बाद इस बड़े निर्यात समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, चीनी का एक बड़ा हिस्सा बांग्लादेश को निर्यात किया जाएगा. पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय बांग्लादेश को चीनी की आपूर्ति सुनिश्चित करने और घरेलू शुगर इंडस्ट्री को नई संभावनाएं प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है।

भारत को कैसे होगा नुकसान

आपको बता दें, पाकिस्तान से चीनी खरीदने से पहले बांग्लादेश भारत से चीनी मंगाता था। साल 2021-22 में भारत से बांग्लादेश ने करीब 56.59 करोड़ डॉलर की चीन मंगाई जबकि, 2020-21 में ये आंकड़ा 7.47 करोड़ डॉलर का था। 2023 की बात करें तो एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश ने भारत से 353.46 मिलियन डॉलर का चीनी मंगाया।

पाकिस्तान इन देशों को भी भेजेगा चीनी

पाकिस्तान की कुल 6 लाख टन चीनी निर्यात योजना में से 70,000 टन चीनी मध्य एशियाई देशों को भेजी जाएगी जबकि, थाईलैंड ने 50,000 टन चीनी खरीदी है। इसके अलावा, खाड़ी देशों, अरब देशों और कई अफ्रीकी देशों ने भी पाकिस्तान से चीनी खरीदने के लिए समझौते किए हैं।

पाकिस्तानी चीनी व्यापारियों के प्रतिनिधि माजिद मलिक ने मीडिया को कुछ दिनों पहले बताया था कि यह निर्यात समझौता देश की शुगर इंडस्ट्री के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस सौदे से न केवल पाकिस्तानी उद्योग को नए बाजारों तक पहुंच मिलेगी, बल्कि विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि होगी।

इसके अलावा चीनी आयात सौदा बांग्लादेश-पाकिस्तान के व्यापारिक संबंधों में एक नई पहल के रूप में देखा जा रहा है। एक तरफ इससे जहां, क्षेत्रीय बाजार में पाकिस्तान की स्थिति भी मजबूत होगी। वहीं, दूसरी ओर भारत को इससे नुकसान हो सकता है।

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