Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jun, 2024 11:35 AM
देश भर के करोड़ों बैंक खाताधारकों के लिए एक बुरी खबर है। भारतीयों के बैंक खातों के ऊपर साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है। इस खतरे को लेकर आरबीआई ने अलर्ट जारी किया है। सेंट्रल बैंक ने बैंक खातों पर साइबर अटैक के खतरे को देखते हुए सभी बैंकों को तैयार...
बिजनेस डेस्कः देश भर के करोड़ों बैंक खाताधारकों के लिए एक बुरी खबर है। भारतीयों के बैंक खातों के ऊपर साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है। इस खतरे को लेकर आरबीआई ने अलर्ट जारी किया है। सेंट्रल बैंक ने बैंक खातों पर साइबर अटैक के खतरे को देखते हुए सभी बैंकों को तैयार रहने के लिए कहा है।
बैंकों को चौबीसों घंटे तैयार रहने का निर्देश
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा है कि वे सक्रियता के साथ चौबीसों घंटे खतरे को पकड़ने के लिए तैयार रहें। रिजर्व बैंक का कहना है कि उसे साइबर अटैक को लेकर सूत्रों से जानकारी मिली है। इसे लेकर सेंट्रल बैंक ने सभी बैंकों व वित्तीय संस्थानों को 24 जून को एक लेटर भेजकर अलर्ट किया है। एडवाइजरी में बैंकों को कहा गया है कि वे खतरे की पहचान करने के लिए सर्विलांस की क्षमता को बढ़ाएं और बचाव के उपायों को तेज कर दें।
हैकरों के इस समूह से खतरा
आरबीआई ने यह अलर्ट और एडवाइजरी ऐसे समय जारी की है, जब हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में भारतीय बैंक खाताधारकों पर खतरे को लेकर आगाह किया गया है। रिजर्व बैंक ने एडवाइजरी 24 जून को जारी की और उसी दिन एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि LulzSec नामक हैकर ग्रुप भारतीय बैंकों को निशाना बनाने वाला है। LulzSec इससे पहले कई हाई-प्रोफाइल साइबर अटैक के लिए जिम्मेदार रह चुका है।
ऐसा माना जा रहा था कि हैकरों का समूह LulzSec अब निष्क्रिय हो चुका है लेकिन हाल-फिलहाल में उसके दोबारा सक्रिय होने की जानकारियां सामने आई हैं।
पहले भी जारी हो चुका है अलर्ट
इससे पहले सीईआरटी-इन ने पिछले साल इसी तरह के खतरे की आशंका जाहिर की थी। सीईआरटी-इन ने अंतरराष्ट्रीय फंड ट्रांसफर के स्विफ्ट सिस्टम, कार्ड नेटवर्क, रियल टाइम पेमेंट सिस्टम यूपीआई और आरटीजीएस, एनईएफटी जैसे लोकल फंड ट्रांसफर नेटवर्क पर जोखिम की आशंका जाहिर की थी। अब रिजर्व बैंक के अलर्ट के बाद बैंकों को इन खतरों को पकड़ने और उनसे बचाव करने के प्रयास तेज करने होंगे।