Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jul, 2024 12:46 PM
बैंक इस वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में लगभग 40,000 करोड़ रुपए का इक्विटी फंड जुटाने की तैयारी कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि वे पूंजी का उपयोग बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए करेंगे।
मुंबई: इस वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में बैंक लगभग 40,000 करोड़ रुपए का इक्विटी फंड जुटाने की तैयारी कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि वे पूंजी का उपयोग बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए करेंगे।
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र के निदेशक मंडल ने 7,500-7,500 करोड़ रुपए जुटाने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि वह 6,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के साथ-साथ अन्य इक्विटी मार्गों का विकल्प चुन सकता है। पीएनबी, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अपनी आगामी वार्षिक आम बैठकों में धन जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी लेंगे।
पूंजी जुटाने वाले बैंकों में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक भी शामिल हैं, दोनों क्यूआईपी के जरिए 5,000-5,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रहे हैं। आरबीएल बैंक ने कहा कि वह 3,500 करोड़ रुपए जुटा सकता है। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक भी ऋण वित्तपोषण के माध्यम से 6,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त जुटाने की योजना बना रहा है।
मोतीलाल ओसवाल के बैंकिंग विश्लेषक नितिन अग्रवाल ने कहा, "पीएनबी को तत्काल फंड की जरूरत है क्योंकि उनकी सीक्वेन्शनल ग्रोथ (sequential growth) 5% रही है और अगर वृद्धि और तेज होती है तो उन्हें पूंजी की जरूरत होगी।" विश्लेषकों का कहना है कि बैंकों का लक्ष्य बैलेंस शीट को मजबूत करना तथा आरबीआई द्वारा निर्धारित ऋण वृद्धि आवश्यकताओं को पूरा करना है।