Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Mar, 2025 11:36 AM

अगर आपको बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम करना है, तो पहले से योजना बना लें, क्योंकि 22 से 25 मार्च 2025 तक बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 24 और 25 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है, जिससे कई बैंकिंग...
बिजनेस डेस्कः अगर आपको बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम करना है, तो पहले से योजना बना लें, क्योंकि 22 से 25 मार्च 2025 तक बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने 24 और 25 मार्च को दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है, जिससे कई बैंकिंग सेवाएं ठप रह सकती हैं। वहीं, शनिवार और रविवार को बैंकों में साप्ताहिक अवकाश रहने वाला है।
क्यों हो रही है हड़ताल?
बैंक यूनियनों ने कई अहम मांगों को लेकर हड़ताल का फैसला किया है, जिनमें शामिल हैं:
- सभी कैडर्स में पर्याप्त भर्ती
- अस्थायी कर्मचारियों का नियमितीकरण
- बैंकों में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करने की मांग
- सरकारी हस्तक्षेप और आउटसोर्सिंग रोकने की अपील
- परफॉर्मेंस रिव्यू और PLI स्कीम को वापस लेने की मांग
UFBU में नौ प्रमुख बैंक यूनियनें शामिल हैं, जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, विदेशी बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 8 लाख से अधिक कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
चार दिन प्रभावित रहेंगी बैंकिंग सेवाएं
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC) के उपाध्यक्ष पंकज कपूर के अनुसार:
- 22 मार्च को बैंक कार्य दिवस रहेगा लेकिन अगले तीन दिन बैंकिंग सेवाएं बंद रहेंगी।
- 23 मार्च (रविवार) को अवकाश रहेगा।
- 24-25 मार्च को हड़ताल के कारण बैंक नहीं खुलेंगे।
- इस दौरान कैश ट्रांजैक्शन, चेक क्लियरिंग और अन्य बैंकिंग सेवाएं प्रभावित होंगी।
बैंक यूनियनों की अन्य प्रमुख मांगें
- सभी शाखाओं में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति
- बैंक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
- ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा ₹25 लाख करने की मांग
- स्टाफ वेलफेयर बेनिफिट्स पर इनकम टैक्स छूट
- सरकार की IDBI बैंक में हिस्सेदारी 51% से कम न करने की अपील
- वित्तीय सेवा विभाग (DFS) के अत्यधिक हस्तक्षेप को रोकने की मांग
5-दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग
UFBU का कहना है कि RBI, बीमा कंपनियों और कई सरकारी विभागों में पहले से ही पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू है। भारतीय बैंक भी इसे लागू करने की सिफारिश कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
UFBU के महासचिव रूपम रॉय ने कहा कि सरकार और बैंक प्रबंधन की अनदेखी के कारण हड़ताल जरूरी हो गई है। उन्होंने जनता से सहयोग और समर्थन की अपील की है।