Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2025 11:09 AM

देशभर के बैंक कर्मचारियों की सोमवार- मंगलावार (24-25 मार्च) को प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल शुक्रवार को टाल दी गई। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने वित्त मंत्रालय और भारतीय बैंक संघ (IBA) से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद यह निर्णय लिया।
बिजनेस डेस्कः देशभर के बैंक कर्मचारियों की सोमवार- मंगलावार (24-25 मार्च) को प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल शुक्रवार को टाल दी गई। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने वित्त मंत्रालय और भारतीय बैंक संघ (IBA) से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद यह निर्णय लिया।
वित्त मंत्रालय से बातचीत में मिला आश्वासन
प्रस्तावित हड़ताल को टालने का फैसला मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष लिया गया, जिन्होंने सभी पक्षों को सुलह बैठक के लिए बुलाया था। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने कर्मचारी संगठनों की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
यूएफबीयू ने कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा और उससे जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) पर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के हालिया निर्देशों को तत्काल वापस लेने की मांग भी की थी। कर्मचारी संगठन का कहना है कि इस निर्देश से नौकरी की सुरक्षा को खतरा पहुंचता है और कर्मचारियों के बीच विभाजन पैदा होता है।
बातचीत में कौन-कौन से मुद्दे उठे?
IBA के साथ हुई बैठक में UFBU से जुड़े सभी कर्मचारी संघों ने कई महत्वपूर्ण मांगें उठाईं, जिनमें सभी कैडर में भर्ती और पांच दिवसीय कार्य सप्ताह (5-day work week) शामिल हैं। इन मांगों पर हाल ही में वित्त मंत्रालय की ओर से आश्वासन मिला है, जिसके चलते UFBU ने हड़ताल को टाल दिया है।
किन मांगों को लेकर हो रही थी हड़ताल?
सरकारी बैंकों में खाली पदों को भरा जाए: कर्मचारियों और अधिकारियों के पदों पर तुरंत नियुक्तियां की जाएं
परफॉर्मेंस रिव्यू और इंसेंटिव स्कीम वापस ली जाएं: यूनियनों का कहना है कि वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा जारी नई गाइडलाइंस नौकरी की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं
बैंकों के कामकाज में माइक्रो-मैनेजमेंट पर रोक लगे: UFBU का आरोप है कि सरकारी बैंक बोर्डों की स्वायत्तता (autonomy) पर असर पड़ रहा है
ग्रेच्युटी एक्ट में संशोधन: सीमा ₹25 लाख तक बढ़ाई जाए, जिससे यह सरकारी कर्मचारियों की स्कीम के बराबर हो और इसे इनकम टैक्स से छूट मिले