Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jun, 2024 03:27 PM
भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट के अनुसार 2024 में दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून की बारिश सामान्य से अधिक रहना आगामी खरीफ सीजन के लिए अच्छा संकेत है और इससे खाद्य कीमतों पर दबाव कम हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में कमी के...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट के अनुसार 2024 में दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून की बारिश सामान्य से अधिक रहना आगामी खरीफ सीजन के लिए अच्छा संकेत है और इससे खाद्य कीमतों पर दबाव कम हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में कमी के संकेत मिल रहे हैं, हालांकि यह असमान है। वहीं राजकोषीय घाटे में कमी के मामले में स्थिति प्रगति पर है।
मई महीने में समग्र महंगाई दर गिरकर 12 महीने के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो अप्रैल के 4.83 प्रतिशत से कम है। इस गिरावट के बावजूद खाद्य महंगाई लगातार चौथे महीने उच्च स्तर पर बनी हुई है और यह मई में 8.5 प्रतिशत पार कर गई। प्रमुख क्षेत्र की महंगाई दर, जिसमें खाद्य व ईंधन शामिल नहीं होता, मई महीने में गिरकर 3 प्रतिशत पर आ गई है, जो मौजूदा सीपीआई श्रृंखला का निचला स्तर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वहीं दूसरी ओर बृहद आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के कारण वास्तविक जीडीपी वृद्धि लगातार आगे बढ़ रही है। वैश्विक झटकों के बावजूद विदेशी क्षेत्र सुधर रहा है। घरेलू स्तर पर मजबूत पूंजी और नकदी अनुपातों, परिसंपत्ति हानि के स्तर में कमी तथा मुनाफे में वृद्धि के साथ वित्तीय स्थिति बेहतर बनी हुई है।
मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा आर्थिक परिदृश्य कुछ सकारात्मक वजहों के साथ बेहतर स्थिति दिखा रहा है। घरेलू मांग तेज है। कारोबारी भरोसा बढ़ा है। इसकी वजह से भारत कई अन्य वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।