Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Mar, 2025 03:09 PM

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए लेनदेन करने वाले उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती करने का फैसला किया है, जिससे UPI ट्रांजैक्शन महंगे हो सकते हैं।
बिजनेस डेस्कः यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए लेनदेन करने वाले उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती करने का फैसला किया है, जिससे UPI ट्रांजैक्शन महंगे हो सकते हैं।
UPI और RuPay पर 60% तक घटी सब्सिडी
सरकार ने UPI और RuPay कार्ड के ट्रांजैक्शन पर मिलने वाली सब्सिडी को 60% तक कम कर दिया है। पहले जहां सरकार ने इस मद में 3,681 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी थी, वहीं इस साल इसे घटाकर सिर्फ 1,500 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
कैसे पड़ेगा असर?
- 2,000 रुपए से कम के लेनदेन पर प्रभाव: सब्सिडी में कटौती से अब मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) फिर से लागू हो सकता है, जिससे दुकानदारों और ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ सकता है।
- RuPay डेबिट कार्ड पर अनिश्चितता: अभी इस बारे में स्पष्टता नहीं है कि रूपे डेबिट कार्ड पर मिलने वाली सब्सिडी जारी रहेगी या नहीं।
- इंडस्ट्री को घाटा: डिजिटल पेमेंट सेक्टर को अनुमानित 600 करोड़ रुपए का घाटा हो सकता है, क्योंकि हर साल 17 बिलियन ट्रांजैक्शन होती हैं, जिनकी कुल वैल्यू 24 लाख करोड़ रुपए होती है।
UPI के भविष्य पर असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर व्यापारी वर्ग पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया तो वे UPI पेमेंट स्वीकार करने से हिचक सकते हैं, जिससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की कोशिशों को झटका लग सकता है। हालांकि, सरकार का यह फैसला वित्तीय घाटे को कम करने और UPI के दीर्घकालिक विकास को संतुलित करने के उद्देश्य से लिया गया है।