Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Mar, 2025 01:02 PM

वैश्विक शेयर बाजारों को मजबूती देने के लिए सरकारें लगातार नीतिगत बदलाव कर रही हैं ताकि अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके। इसी कड़ी में चीन अपनी 4.6 लाख करोड़ डॉलर की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन...
बिजनेस डेस्कः वैश्विक शेयर बाजारों को मजबूती देने के लिए सरकारें लगातार नीतिगत बदलाव कर रही हैं ताकि अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके। इसी कड़ी में चीन अपनी 4.6 लाख करोड़ डॉलर की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन (CSRC) एक नया प्रस्ताव ला रहा है, जिसके तहत यदि किसी फंड मैनेजर का प्रदर्शन तय लक्ष्य से कम रहेगा, तो उनकी सैलरी में कटौती की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, यह कटौती उन फंड मैनेजरों पर लागू होगी जिनके द्वारा प्रबंधित फंड या तो घाटे में होंगे या फिर जिनका रिटर्न उनके बेंचमार्क से 10% कम रहेगा। इस प्रस्ताव का उद्देश्य लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा देना और प्रदर्शन आधारित वेतन संरचना लागू करना है।
ड्राफ्ट प्लान के अनुसार, सीनियर मैनेजमेंट के वेतन का 50% हिस्सा उनके द्वारा प्रबंधित फंड के प्रदर्शन से जुड़ा होगा, जबकि कंपनी के साइज या उसकी रैंकिंग को ज्यादा प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। हालांकि, यह प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है और इसमें बदलाव संभव हैं।
माना जा रहा है कि इस कदम से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और अधिक पूंजी प्रवाह को प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार के कड़े नियम फंड मैनेजरों के लिए दबाव बढ़ा सकते हैं और निवेश रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकते हैं।