Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Mar, 2025 05:45 PM

केंद्रीय बजट 2025-26 में टैक्स अनुपालन को सरल बनाने के लिए स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर कर संग्रह (TCS) से संबंधित कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की गई है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इन परिवर्तनों का उद्देश्य करदाताओं और कारोबारियों के...
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय बजट 2025-26 में टैक्स अनुपालन को सरल बनाने के लिए स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर कर संग्रह (TCS) से संबंधित कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की गई है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे। इन परिवर्तनों का उद्देश्य करदाताओं और कारोबारियों के लिए टैक्स प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
इन संशोधनों के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विदेश में पैसा भेजने, बड़ी खरीदारी करने या कारोबारी लेन-देन के दौरान अनावश्यक टैक्स कटौती और संग्रह की दिक्कतें कम हों।
बैंक ब्याज, किराया भुगतान और अन्य बड़े वित्तीय लेन-देन पर कटने वाले टीडीएस की मौजूदा सीमाओं को तार्किक बनाया गया है, ताकि टैक्सपेयर्स को बार-बार कर कटौती का सामना न करना पड़े और नकदी प्रवाह बेहतर बना रहे।
TCS की बढ़ी हुई सीमा
अगर आप बच्चों की पढ़ाई, पारिवारिक खर्च या अन्य किसी कारण से विदेश में पैसा भेजते हैं, तो आपके लिए राहत की खबर है। पहले 7 लाख रुपए से अधिक की अंतरराष्ट्रीय धनराशि पर TCS लागू होता था, लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी गई है।
इसके अलावा यदि पैसा एजुकेशन लोन के माध्यम से विदेश भेजा जा रहा है, तो उस पर कोई TCS नहीं लगेगा। इस संशोधन से विदेश में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को वित्तीय राहत मिलेगी।
कारोबारियों के लिए बड़ी राहत
व्यापार करने वालों के लिए भी सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। अब 50 लाख रुपए से अधिक की बिक्री पर 0.1% TCS कटौती की आवश्यकता नहीं होगी। 1 अप्रैल 2025 से यह नियम पूरी तरह समाप्त हो जाएगा, जिससे कारोबारियों को बेहतर कैश फ्लो मिलेगा और टैक्स अनुपालन सरल होगा।
उच्च टीडीएस/टीसीएस दर से राहत
अब तक, जो व्यक्ति आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं करता था, उससे उच्च दर पर TDS/TCS काटा जाता था। बजट 2025 में इस प्रावधान को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है, जिससे आम करदाताओं और छोटे कारोबारियों को अनावश्यक रूप से अधिक कर दरों से राहत मिलेगी।
TCS जमा में देरी पर राहत
पहले, अगर कोई व्यक्ति समय पर TCS की रकम सरकार को जमा नहीं करता था, तो उसे 3 महीने से 7 साल तक की सजा और जुर्माना भरना पड़ता था। बजट 2025 में इस नियम में संशोधन किया गया है, जिससे अब यदि बकाया TCS तय समय के भीतर जमा कर दिया जाता है, तो कानूनी कार्रवाई से बचा जा सकता है।