वृहद आंकड़ों, आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी शेयर बाजारों की दिशा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jan, 2022 12:06 PM

big data quarterly results of it companies will decide the direction

इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सहित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की कई कंपनियों के तिमाही नतीजों और वृहद आर्थिक आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। नए वर्ष 2022 की शुरुआत शेयर बाजारों...

नई दिल्लीः इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सहित सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की कई कंपनियों के तिमाही नतीजों और वृहद आर्थिक आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। नए वर्ष 2022 की शुरुआत शेयर बाजारों के लिए काफी अच्छी रही है। इस बीच, बाजार भागीदारों की निगाह घरेलू के अलावा वैश्विक मोर्चे पर कोविड-19 से जुड़ी खबरों पर रहेगी। 

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘आईटी क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियां मसलन इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो, एचसीएल टेक और माइंडट्री इस सप्ताह अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी। इसके अलावा एचडीएफसी बैंक का भी तिमाही परिणाम आना है। साथ ही बाजार भागीदारों की निगाह औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी), खुदरा मुद्रास्फीति (सीपीआई) और थोक मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों पर भी रहेगी। कुल मिलाकर बाजार पर वैश्विक संकेतकों तथा कोविड-19 से जुड़ी खबरों का भी असर पड़ेगा।’’ 

उन्होंने कहा कि आईटी कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार को दिशा देंगे। बाजार भागीदार उम्मीद कर रहे हैं कि आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले होंगे। मिश्रा ने कहा कि अभी तक बाजार ने कोविड के नए स्वरूप ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को ‘नजरअंदाज’‘ किया है, लेकिन कई राज्यों द्वारा कड़े अंकुशों की वजह से आगे बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है। 

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘आईटी कंपनियों के परिणामों, आईआईपी, सीपीआई और डब्ल्यूपीआई आंकड़ों की वजह से बाजार के लिए यह सप्ताह काफी व्यस्त रहने वाला है। आईआईपी और सीपीआई के आंकड़े 12 जनवरी को और डब्ल्यूपीआई के 14 जनवरी को आएंगे।’’ 

मीणा ने कहा कि दुनियाभर में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वालों मरीजों की संख्या और मृत्यु दर काफी कम है, जिसकी वजह से बाजार ने इसे नजरअंदाज किया है। ‘‘हालांकि, बाजार की निगाह महामारी की तीसरी लहर पर बनी रहेगी।’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे की बात की जाए, तो कच्चे तेल के बढ़ते दाम चिंता का विषय हैं। इसके अलावा चीन के मुद्रास्फीति और अमेरिका के खुदरा बिक्री के आंकड़े भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे। 
 

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