Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Nov, 2024 02:08 PM
शेयर बाजार में पिछले दो महीनों में 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है, जिसका मुख्य कारण विदेशी निवेशकों की मुनाफा वसूली है। अक्टूबर और नवंबर के दौरान इन निवेशकों ने एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है। इस दौरान भारतीय शेयर बाजार...
बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में पिछले दो महीनों में 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है, जिसका मुख्य कारण विदेशी निवेशकों की मुनाफा वसूली है। अक्टूबर और नवंबर के दौरान इन निवेशकों ने एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है। इस दौरान भारतीय शेयर बाजार अपने लाइफटाइम हाई से 9,000 अंक से ज्यादा गिर चुका है और निफ्टी में भी कुछ ऐसा ही देखा जा रहा है।
50 दिनों में 50 लाख करोड़ का नुकसान
शेयर बाजार में इस दौरान आई भारी गिरावट के कारण निवेशकों को 50 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। 27 सितंबर को सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड उच्चतम स्तर 85,978.25 अंकों पर था और बीएसई का मार्केट कैप 4.77 लाख करोड़ रुपए के पास था। वहीं 18 नवंबर तक सेंसेक्स 77,000 अंकों के नीचे आ चुका है, जिससे बीएसई का मार्केट कैप घटकर 4.27 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसका मतलब है कि इस दौरान बीएसई के मार्केट कैप से करीब 50 लाख करोड़ रुपए कम हो चुके हैं, जो सीधे निवेशकों के नुकसान के तौर पर सामने आया है।
सेंसेक्स और निफ्टी में कितनी आई गिरावट
शेयर बाजार में सोमवार को भी गिरावट जारी है, जहां सेंसेक्स 600 अंक तक गिर चुका है और निफ्टी में भी 180 अंकों की गिरावट देखी गई है। 27 सितंबर को सेंसेक्स अपने लाइफ टाइम हाई पर था, लेकिन अब तक इसमें 9,013.19 अंकों यानी 10.50 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। वहीं, निफ्टी में भी 2,926.95 अंकों यानी 11.13 फीसदी की गिरावट आई है।
विदेशी निवेशकों के मुनाफावसूली से शेयर बाजार में गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में आई भारी गिरावट का मुख्य कारण विदेशी निवेशकों द्वारा बाजार से पूंजी की निकासी है। केवल 50 दिनों में विदेशी निवेशकों ने 1.16 लाख करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है। अक्टूबर में अकेले उन्होंने 94,017 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड मुनाफावसूली की, जबकि नवंबर में अब तक 22,420 करोड़ रुपए की निकासी हो चुकी है। यह आंकड़ा अपने आप में अभूतपूर्व है, क्योंकि इससे पहले कभी विदेशी निवेशकों ने इतने कम समय में इतनी बड़ी रकम शेयर बाजार से नहीं निकाली।
वैल्यूएशन के कारण निकासी
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार की वैल्यूएशन दुनिया के अन्य उभरते हुए बाजारों के मुकाबले काफी ज्यादा हो गई थी। यही कारण है कि विदेशी निवेशक अब मुनाफावसूली के रास्ते पर हैं। हालांकि, पिछले हफ्ते में विदेशी निवेशकों द्वारा की गई निकासी की गति पहले के मुकाबले धीमी पाई गई। सिर्फ 2,500 करोड़ रुपए की निकासी हुई, जबकि पहले सप्ताह में यह आंकड़ा 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। यह धीमी निकासी भारत के शेयर बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकती है, जिससे बाजार में स्थिरता की उम्मीद जगी है।