Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Dec, 2024 05:27 PM
गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) से पूरी तरह बाहर निकलने का फैसला किया है। समूह ने अपनी 31.06% हिस्सेदारी सिंगापुर स्थित साझेदार विल्मर इंटरनेशनल को बेचने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, 13%...
बिजनेस डेस्कः गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) से पूरी तरह बाहर निकलने का फैसला किया है। समूह ने अपनी 31.06% हिस्सेदारी सिंगापुर स्थित साझेदार विल्मर इंटरनेशनल को बेचने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त, 13% हिस्सेदारी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों को पूरा करने के लिए खुले बाजार में बेची जाएगी।
सौदे का अनुमान
इस हिस्सेदारी बिक्री से अडानी समूह को 2 अरब डॉलर (लगभग 17,000 करोड़ रुपए) से अधिक जुटाने की उम्मीद है। हालांकि, सौदे की सटीक कीमत का खुलासा नहीं किया गया है। अडानी विल्मर लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण 42,785 करोड़ रुपए (लगभग 5 अरब डॉलर) है।
डील के विवरण
यह सौदा 31 मार्च 2025 से पहले पूरा होने की संभावना है। समूह ने बयान में कहा, "इस डील के साथ, अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड पूरी तरह से अडानी विल्मर लिमिटेड से बाहर निकल जाएगी।"
अडानी विल्मर का परिचय
अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) भारत में खाद्य तेल और एफएमसीजी उत्पादों की प्रमुख कंपनी है। यह फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाद्य तेल, गेहूं का आटा, चावल, दाल और चीनी जैसे उत्पादों का निर्माण और बिक्री करती है। कंपनी हाल ही में अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करते हुए नई खाद्य श्रेणियां लॉन्च कर रही है।
विल्मर इंटरनेशनल की भूमिका
विल्मर इंटरनेशनल सिंगापुर मुख्यालय वाली एक अग्रणी कृषि और खाद्य प्रसंस्करण कंपनी है। यह खाद्य तेल, तिलहन, चीनी और अन्य कृषि उत्पादों के व्यवसाय में सक्रिय है। विल्मर इंटरनेशनल की हिस्सेदारी खरीद के बाद अडानी विल्मर में उसका पूर्ण नियंत्रण हो जाएगा।