Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Sep, 2024 06:11 PM
लंबे समय से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती की आस लगाए बैठे ग्राहकों के लिए जरूरी खबर। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं हो रही है, जबकि लागत घटने के संकेत मिल रहे...
बिजनेस डेस्कः कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं हो रही है, जबकि लागत घटने के संकेत मिल रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, कीमतों में कटौती को लेकर अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है, खासकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले।
पिछले सप्ताह वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चली गई थी, जो दिसंबर 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर था। हालांकि इसके बाद कीमतें फिर से बढ़कर बृहस्पतिवार को 74.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं।
दो वर्षों से नहीं हुआ कीमतों में बदलाव
कच्चे तेल की कीमतें गिरने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की उम्मीदें जागती हैं लेकिन पिछले दो वर्षों से इन कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कच्चे तेल के उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहने तक सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा कीमतों में संशोधन की संभावना कम है।
स्थिर कीमतों के पीछे कारण
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) 2021 के बाद से कीमतों को स्थिर रखे हुए हैं।
हालांकि इन कंपनियों को पेट्रोल-डीजल पर अच्छा मुनाफा हो रहा है, वे कीमतों में सुधार की प्रवृत्ति की पुष्टि करने से पहले किसी कटौती पर निर्णय नहीं ले रही हैं।
2024 के आम चुनाव से पहले केवल एक बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में क्रमशः 2 रुपए प्रति लीटर की कटौती की गई थी। भारत अपनी पेट्रोलियम जरूरतों का 85% आयात करता है, जिससे ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार से जुड़ी रहती हैं।