Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Feb, 2025 12:04 PM
सोना खरीदना अब आम आदमी के लिए पहले से भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, क्योंकि सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसी बीच सरकार एक बड़ा फैसला लेने जा रही है, जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा। दरअसल, बजट पेश होने के बाद जब शनिवार...
बिजनेस डेस्कः सोना खरीदना अब आम आदमी के लिए पहले से भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, क्योंकि सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसी बीच सरकार एक बड़ा फैसला लेने जा रही है, जिसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा। दरअसल, बजट पेश होने के बाद जब शनिवार को मीडिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने संकेत दिया कि सरकार इस स्कीम को बंद करने पर विचार कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये SGB स्कीम क्या है और इसके बंद होने से आम आदमी को सस्ता सोना खरीदने के अवसर कैसे कम हो जाएंगे।
कौन सी है ये स्कीम
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) स्कीम केंद्र सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य आम लोगों को बाजार की कीमत से सस्ते दरों पर सोना देना था। इसके अलावा इस स्कीम के तहत सरकार फिजिकल गोल्ड की खरीद को कम करने और डिजिटल सोने में निवेश को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रहा थी।
हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को इस योजना के तहत उधारी पर अधिक ब्याज देना पड़ रहा है, जिससे उसका वित्तीय बोझ बढ़ रहा है। यही वजह है कि सरकार इस योजना को बंद करने की राह पर है।
निवेशकों को हो रहा था तगड़ा फायदा
भले ही इस स्कीम के तहत सरकार की उधारी लागत में बढ़ोतरी हो रही थी और यह योजना सरकार के लिए महंगी साबित हो रही थी लेकिन आम निवेशकों को इस योजना से तगड़ा रिटर्न मिल रहा था। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में SGB स्कीम ने निवेशकों को 160 फीसदी तक का रिटर्न दिया था। हालांकि, अब इसे जारी रखना सरकार के लिए आर्थिक नजरिए से कठिन हो गया है।
निवेशकों के लिए नई योजनाएं
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को भले ही सरकार बंद करने वाली है लेकिन सरकार दूसरी नई योजनाओं पर विचार कर रही है, जिनमें सोने के ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट शामिल हैं। ये योजनाएं निवेशकों को सोने में निवेश करने के लिए एक सुरक्षित और सरल तरीका उपलब्द्ध कराते हैं। इसके साथ ही, सरकार सोने के आयात पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए भी उपाय कर सकती है, ताकि घरेलू बाजार में सोने की कीमतें स्थिर रहें।