Set-Top Box यूजर्स के लिए बड़ी राहत, सर्विस बदलने पर अब नहीं करना होगा....

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Feb, 2025 05:39 PM

big relief for set top box users now they will not have to do anything

देशभर के सेट-टॉप बॉक्स उपयोगकर्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब उन्हें सर्विस प्रोवाइडर बदलने पर नया सेट-टॉप बॉक्स खरीदने की जरूरत नहीं होगी। पहले टाटा स्काई से एयरटेल या किसी अन्य सेवा प्रदाता में शिफ्ट होने पर ग्रहाकों को अपना सेट-टॉप बॉक्स भी...

बिजनेस डेस्कः देशभर के सेट-टॉप बॉक्स उपयोगकर्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब उन्हें सर्विस प्रोवाइडर बदलने पर नया सेट-टॉप बॉक्स खरीदने की जरूरत नहीं होगी। पहले टाटा स्काई से एयरटेल या किसी अन्य सेवा प्रदाता में शिफ्ट होने पर ग्रहाकों को अपना सेट-टॉप बॉक्स भी बदलना पड़ता था लेकिन अब इस झंझट से छुटकारा मिल गया है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने विभिन्न प्रसारकों के बीच एक ही सेट-टॉप बॉक्स के इस्तेमाल और बुनियादी ढांचे को साझा करने की सिफारिश की है। इसके अलावा ट्राई ने आईपीटीवी सेवा प्रदाताओं के लिए न्यूनतम कुल संपत्ति की आवश्यकताओं को भी कम करने की बात कही है। इस फैसले से उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा मिलेगी और अतिरिक्त खर्च से भी बचा जा सकेगा।

सुगमता को बढ़ावा देना 

ट्राई ने दूरसंचार अधिनियम-2023 के तहत प्रसारण सेवाओं के प्रावधान के लिए सेवा प्राधिकरणों के ढांचे पर अपनी सिफारिशें जारी कीं। इस अधिनियम ने टेलीग्राफ कानून, 1885 की जगह ली है। नियामक ने कहा कि सिफारिशों का मकसद प्रसारण क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहन देना और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देना है। नियामक ने प्रसारण सेवा प्रदाताओं के साथ ही दूरसंचार सेवा प्रदाताओं/ बुनियादी ढांचा सुविधा देने वालों के बीच स्वैच्छिक आधार पर बुनियादी ढांचे को साझा करने की सिफारिश की है। ट्राई ने कहा कि जहां भी तकनीकी और व्यावसायिक रूप से संभव हो, बुनियादी ढांचे को साझा करना चाहिए। 

इलेक्ट्रॉनिक कचरे कम करने की कवायद

सिफारिशों में उपभोक्ता के लिए टेलीविजन चैनल वितरण सेवाओं के विकल्प बढ़ाने और इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कम करने के लिए विभिन्न सेवाप्रदाताओं के लिए एक ही सेट-टॉप बॉक्स के इस्तेमाल की बात कही गई है। इसके साथ ही ट्राई ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए आईपीटीवी सर्विस देने की न्यूनतम नेटवर्थ 100 करोड़ रुपए की शर्त को हटाने की भी सिफारिश की है। साथ ही रेडियो ब्रॉडकास्टिंग सेवाओं को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बनाने पर जोर दिया है।
 

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