Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Jul, 2024 10:57 AM
नोएडा समेत दिल्ली-एनसीआर में सबवेंशन स्कीम के तहत घर खरीदने वाले होम बायर्स को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दरअसल डेवलपर्स और बिल्डर की ओर से देरी की वजह से एनसीआर में विभिन्न हाउसिंग प्रोजेक्ट में अपने फ्लैट का पजेशन नहीं पाने वाले लोगों के...
बिजनेस डेस्कः नोएडा समेत दिल्ली-एनसीआर में सबवेंशन स्कीम के तहत घर खरीदने वाले होम बायर्स को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दरअसल डेवलपर्स और बिल्डर की ओर से देरी की वजह से एनसीआर में विभिन्न हाउसिंग प्रोजेक्ट में अपने फ्लैट का पजेशन नहीं पाने वाले लोगों के हित में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ईएमआई पेमेंट के संबंध में बैंकों या बिल्डरों की ओर से उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि चेक बाउंस मामलों में भी घर खरीदारों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं सुनी जाएगी।
क्या है सबवेंशन स्कीम
इस स्कीम के तहत बैंक अप्रूवड लोन की रकम को डायरेक्ट बिल्डर्स के अकाउंट में ट्रांसफर करता है। इसमें तब तक मंजूर लोन राशि पर EMI का भुगतान नहीं किया जाता जब तक कि घर खरीदार फ्लैट्स का हैंडओवर नहीं कर दे। एक रिपोर्ट के अनुसार, जब बिल्डर्स बैंक ईएमआई चुकाने में चूकने लगे तो ट्रिपल एग्रीमेंट के तहत बैंकों ने वसूली के लिए घर खरीदारों के खिलाफ एक्शन लिया।
बैंकों की इस कार्रवाई से नाराज कई होम बायर्स ने दिल्ली हाईकोर्ट में गुहार लगाई लेकिन अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद ये लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां से उन्हें यह राहत मिली। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने निर्देश दिया कि ऐसे मामलों को लंबित रहने तक होम बायर्स के खिलाफ चेक बाउंस की कोई शिकायत नहीं सुनी जाएगी। कोर्ट के इस फैसले से साफ है कि बैंक, बिल्डर्स या अन्य वित्तीय संस्थान घर खरीदने वालों के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई नहीं कर सकेंगे।