Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Sep, 2024 05:10 PM
बोइंग (Boeing) के लगभग 33,000 कर्मचारी शुक्रवार को कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट ऑफर को अस्वीकार करते हुए हड़ताल पर चले गए, जिससे कंपनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले विमानों का प्रोडक्शन रुक गया है। यह बोइंग में पिछले 16 सालों में सबसे बड़ी हड़ताल मानी जा रही...
बिजनेस डेस्कः बोइंग (Boeing) के लगभग 33,000 कर्मचारी शुक्रवार को कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट ऑफर को अस्वीकार करते हुए हड़ताल पर चले गए, जिससे कंपनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले विमानों का प्रोडक्शन रुक गया है। यह बोइंग में पिछले 16 सालों में सबसे बड़ी हड़ताल मानी जा रही है। हड़ताल का असर वाशिंगटन, ओरेगन और कैलिफोर्निया स्थित बोइंग के फैक्ट्री और प्लांट्स पर पड़ा है, जहां कर्मचारियों ने धरना शुरू कर दिया है।
भारतीय एयरलाइंस पर प्रभाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय एयरलाइन इंडस्ट्री पर भी इस हड़ताल का असर हो सकता है। अकासा एयर, एयर इंडिया एक्सप्रेस और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस, जिन्होंने बोइंग जेट्स का ऑर्डर दिया है, को डिलीवरी में देरी का सामना करना पड़ सकता है। बोइंग की पिछली दो हड़तालें 1995 और 2008 में हुई थीं और मौजूदा हड़ताल भी नवंबर तक चल सकती है।
कमर्शियल फ्लाइट्स पर तुरंत नहीं पड़ेगा कोई असर
प्रोडक्शन रुकने के बावजूद हड़ताल का कमर्शियल फ्लाइट्स पर तुरंत कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन कंपनी को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है। बोइंग की अधिकांश विमान प्रोडक्शन फैसिलिटी सिएटल में हैं, जहां कंपनी 737 मैक्स, 777 जेट और 767 कार्गो विमानों का निर्माण करती है। हालांकि, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का उत्पादन, जो साउथ कैरोलिना में नॉन-यूनियन वर्कर्स द्वारा किया जाता है, प्रभावित होने की संभावना नहीं है।
एयरलाइन इंडस्ट्री पर पड़ सकता है असर
हालांकि हड़ताल के तुरंत बाद एयरलाइनों को विमानों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन बोइंग के नए जेट विमानों की डिलीवरी में देरी हो सकती है। इसका मतलब है कि कुछ एयरलाइंस को अपने पुराने विमानों का लंबे समय तक उपयोग करना पड़ सकता है।
घाटे में चल रही कंपनी
बोइंग को इस वर्ष पहले ही आठ अरब डॉलर का बड़ा नुकसान हो चुका है। कंपनी पर 60 अरब डॉलर के कर्ज का बोझ है और कई सुरक्षा मुद्दों से भी जूझ रही है। अब कर्मचारियों की हड़ताल के चलते उसके शेयरों में भी भारी गिरावट देखने को मिल रही है। हड़ताल के दिन बोइंग का स्टॉक करीब चार प्रतिशत गिरकर 157 डॉलर से भी कम पर बंद हुआ, जबकि शुक्रवार को यह और गिरकर 155.60 डॉलर तक पहुंच गया था। यह नवंबर 2022 के 141.54 डॉलर के बाद से सबसे निचला स्तर है।
बोइंग ने दिया बयान
फिच रेटिंग्स ने चेतावनी दी है कि लंबे समय तक हड़ताल जारी रहने से बोइंग की क्रेडिट स्थिति और खराब हो सकती है। बोइंग के सीएफओ ब्रायन वेस्ट ने भी माना कि लंबी हड़ताल से कंपनी की रिकवरी खतरे में पड़ सकती है और उत्पादन एवं डिलीवरी प्रभावित हो सकती है।