Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 May, 2024 06:20 PM
ब्राजील, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के एक समूह ने भारत से आग्रह किया है कि वह चीनी सब्सिडी की अधिसूचना समय से दे। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह मुद्दा 23-24 मई को जिनेवा में डब्ल्यूटीओ...
नई दिल्लीः ब्राजील, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के एक समूह ने भारत से आग्रह किया है कि वह चीनी सब्सिडी की अधिसूचना समय से दे। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह मुद्दा 23-24 मई को जिनेवा में डब्ल्यूटीओ की कृषि समिति की बैठक के दौरान चर्चा में आया। ये देश भी भारत की तरह प्रमुख चीनी निर्यातक हैं और उनका आरोप है कि भारत के समर्थन उपाय वैश्विक चीनी व्यापार को विकृत करते हैं।
जिनेवा स्थित अधिकारी ने कहा कि ब्राजील, कनाडा, कोस्टा रिका, पैराग्वे, न्यूजीलैंड, यूरोपीय संघ और ग्वाटेमाला ने भारत से सब्सिडी की अधिसूचना समय से देने का आग्रह किया है। भारत ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने न तो किसानों को गन्ने का भुगतान किया और न ही उनसे गन्ना खरीदा। सभी खरीद निजी चीनी मिलों ने की थी। इसलिए, यह जानकारी घरेलू समर्थन की अधिसूचना में शामिल नहीं की गई थी।
यह चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2022 में भारत ने डब्ल्यूटीओ के व्यापार विवाद निपटान पैनल के एक फैसले के खिलाफ अपील की थी। इस फैसले में कहा गया था कि चीनी और गन्ने के लिए देश के घरेलू समर्थन उपाय वैश्विक व्यापार मानदंडों के साथ असंगत हैं। भारत ने डब्ल्यूटीओ के अपीलीय निकाय में अपील दायर की थी, जो ऐसे व्यापार विवादों पर अंतिम प्राधिकरण है। ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और ग्वाटेमाला ने इन समर्थन उपायों पर भारत के खिलाफ मामले दायर किए थे।