Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Oct, 2024 12:45 PM
प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों के मुकाबले पिछड़ने वाली सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL के दिनों में सुधार आ रहा है। हाल के कई महीनों में कंपनी के सब्सक्राइबर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। जब जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी प्राइवेट...
बिजनेस डेस्कः प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों के मुकाबले पिछड़ने वाली सरकारी टेलिकॉम कंपनी BSNL के दिनों में सुधार आ रहा है। हाल के कई महीनों में कंपनी के सब्सक्राइबर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। जब जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी प्राइवेट कंपनियों ने हाल ही में टैरिफ बढ़ाए, तब बड़ी संख्या में ग्राहक बीएसएनएल की सेवाओं की ओर आकर्षित हुए हैं।
टेलिकॉम रेगुलेटर ट्राई द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, बीएसएनएल के कस्टमर बेस में पिछले दो महीनों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसका प्रमुख कारण कम टैरिफ और 4जी सर्विसेज का 'सॉफ्ट लॉन्च' है, जिसने ग्राहकों को बीएसएनएल की ओर खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जुलाई में बीएसएनएल ने करीब 30 लाख नए ग्राहक जोड़े जबकि रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित अन्य सभी कंपनियों के यूजर्स की संख्या में गिरावट आई। एयरटेल ने 17 लाख, वोडा आइडिया में 14 लाख और जियो में लगभग 8 लाख यूजर गंवाए। अगस्त में भी बीएसएनएल ही एकमात्र ऐसी कंपनी थी जिसके ग्राहकों की संख्या में तेजी आई। बीएसएनएल ने इस महीने 25 लाख नए ग्राहक जोड़े। इस दौरान जियो ने 40 लाख, एयरटेल ने 24 लाख और वोडा आइडिया ने 19 लाख यूजर्स गंवाए।
मार्केट शेयर
हालांकि कुल मिलाकर बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी अब भी अपने बड़े निजी प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बहुत कम है। इस साल अगस्त के अंत में 40.5% की हिस्सेदारी के साथ जियो सबसे आगे है जबकि एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 33% और वोडा आइडिया की 18% है। ट्राई ने कहा कि बीएसएनएल की हिस्सेदारी अभी 7.8% है। अगर इसमें एमटीएनएल की 0.2% हिस्सेदारी भी जोड़ दी जाए तो यह 8% हो जाती है।
बीएसएनएल का टैरिफ इंडस्ट्री में सबसे कम हैं। एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) स्कोर से भी यह बात साबित होती है। एयरटेल के एआरपीयू 211 रुपये, जियो का 195 रुपये और वोडा आइडिया का 146 रुपये है। इसकी तुलना में बीएसएनएल का एआरपीयू करीब 90 रुपये है। साफ है कि यह सरकारी कंपनी उपभोक्ताओं से सबसे कम टैरिफ वसूल रही है। कम टैरिफ की एक वजह यह भी है कि कंपनी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर हाई-स्पीड 4G लॉन्च नहीं किया है। दूसरी ओर जियो और एयरटेल जैसे निजी ऑपरेटरों ने अपने यूजर्स के एक बड़े हिस्से को 5G में ट्रांसफर कर दिया है।