Budget 2024: MSME के लिए मुद्रा योजना के तहत कर्ज सीमा दोगुनी करने की डिमांड

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Jul, 2024 01:11 PM

budget 2024 demand to double the loan limit under mudra scheme for msme

देश में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में मुद्रा योजना के तहत कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने के साथ कर प्रोत्साहन देने की जरूरत है। साथ ही लागत में कटौती और उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए उत्पादक सहकारी...

बिजनेस डेस्कः देश में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में मुद्रा योजना के तहत कर्ज सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने के साथ कर प्रोत्साहन देने की जरूरत है। साथ ही लागत में कटौती और उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से कच्चे माल तक आसान पहुंच की सुविधा देने आवश्यकता है। यह बात विशेषज्ञों ने बजट से पहले अपने सुझाव में कही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश करेंगी। बजट को लेकर उम्मीदों पर, अरका फिनकैप के मुख्य कारोबार अधिकारी (खुदरा और एमएसएमई) नवीन सैनी ने कहा कि सरकार संभवत: एमएसएमई के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करने, उनके विकास को बढ़ावा देने के अपने एजेंडा को जारी रखेगी।

यह है डिमांड

उन्होंने कहा, ‘‘इसे हासिल करने के लिए, उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत कर्ज सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने और एमएसएमई के लिए असुरक्षित माने जाने वाले ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को दो करोड़ रुपए से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए करने पर विचार करना चाहिए।’’ सैनी ने कहा, ‘‘ये उपाय एमएसएमई को आवश्यक वित्तीय संसाधनों तक अधिक पहुंच प्रदान करेंगे, जिससे वे आगे बढ़ सकेंगे और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।’’

MSME हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़

भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट (बीवाईएसटी) की संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी लक्ष्मी वेंकटरमन वेंकटेशन ने कहा, ‘‘एमएसएमई हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ऐसे में सरकार को इस क्षेत्र के लिए सहायक नीतियां पेश करना महत्वपूर्ण है। इसमें विशेष रूप से महिलाओं के लिए पीएमईजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम), सीजीटीएमएसई (क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज) और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से वित्त तक आसान पहुंच शामिल हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, उन विनिर्माण इकाइयों के लिए कर प्रोत्साहन की जरूरत है जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपए से कम है। साथ ही लागत में कटौती और अपने उत्पादों के बेहतर विपणन के लिए उत्पादक सहकारी समितियों के माध्यम से कच्चे माल तक आसान पहुंच की सुविधा भी दिए जाने की आवश्यकता है।’’

एक मजबूत आधार प्रदान करेगा बजट

वेंकटेशन ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि यह बजट हमारे एमएसएमई की जरूरतों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा और समृद्ध भविष्य के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगा।’’ सैटनैव टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमित प्रसाद ने कहा कि जो एमएसएमई आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) सृजित करने पर केंद्रित हैं, उनके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने के लिए कोई औपचारिक वित्तपोषण प्रक्रिया नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आईपीआर आधारित संस्थाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्हें नए कारोबार के विकास को लक्ष्य देना हमारे देश के लिए उल्लेखनीय कदम साबित हो सकता है।’’

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