Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Jan, 2025 12:45 PM
बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। रियल एस्टेट को बड़ा बूस्ट संभव है। सरकार होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ाने, सस्ते घरों के डेवलपर्स को प्रोत्साहन देने और रियल्टी सेक्टर को जीएसटी में राहत देने जैसे कदम उठा सकती है। साथ ही...
बिजनेस डेस्कः बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। रियल एस्टेट को बड़ा बूस्ट संभव है। सरकार होम लोन पर टैक्स छूट बढ़ाने, सस्ते घरों के डेवलपर्स को प्रोत्साहन देने और रियल्टी सेक्टर को जीएसटी में राहत देने जैसे कदम उठा सकती है। साथ ही स्टाम्प ड्यूटी रेट के सरलीकरण और प्रोजेक्ट्स के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पर भी अहम घोषणा संभव है।
बजट 2025 से रियल एस्टेट सेक्टर की उम्मीदें
घर खरीदने की क्षमता बढ़ाने के लिए धारा 24(बी) के तहत होम लोन ब्याज कटौती 2 लाख रुपए से ज्यादा होनी चाहिए। किफायती घरों की बिक्री को बढ़ावा देने को लिए अधिक से अधिक डेवलपर्स को आकर्षित करने के लिए किफायती आवास परियोजनाओं के लिए सेक्शन 80-IBA के लाभों को मार्च 2029 तक बढ़ाया जाना चाहिए। जीएसटी दर का युक्तिसंगत बनाना चाहिए। डेवलपर्स के वित्तीय बोझ को कम करने और कंप्लायंस को सुव्यवस्थित करने के लिए जीएसटी दरों को सरल और कम करना चाहिए। रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा मिलना चाहिए। रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने पर सेक्टर को लोन मिलने में आसानी होगा। इससे सेक्टर की ऋण लागत घटेगी और निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा।
स्टाम्प ड्यूटी को युक्तिसंगत बनाने की जरूरत
रियल एस्टेट पर स्टाम्प ड्यूटी को युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है। घर खरीदने की प्रक्रिया को अधिक किफायती बनाने के लिए 1.50 करोड़ रुपये तक के घरों के लिए राज्यों में स्टाम्प ड्यूटी दरों को मानकीकृत (Standardize) करना चाहिए। सेक्टर की मुश्किलें आसान करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस मिलना चाहिए। इससे प्रोजेक्टों की मंजूरी में तेजी आएगी। इसके साथ ही कारोबार में आसानी बढ़ाने के लिए हाई राइज प्रोजेक्ट्स,पर्यावरण आदि के लिए तेजी से अनुमोदन मिलेगा। डेवलपर्स को ग्रीन बिल्डिंग इंसेंटिव्स देना चाहिए। पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ निर्माण टेक्नोलॉजी को अपनाने वाले डेवलपर्स के लिए टैक्स बेनिफिट/सब्सिडी का प्रावधान होना चाहिए।