Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jul, 2024 11:49 AM
सात प्रमुख शहरों में रियल एस्टेट डेवलपर्स सख्त नियमों और नवीनतम निर्माण प्रौद्योगिकियों के उपयोग के कारण एक परियोजना को पूरा करने में औसतन 18-20 प्रतिशत कम समय ले रहे हैं। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक ने शीर्ष सात शहरों में 2010-2019 और 2014 से...
नई दिल्लीः सात प्रमुख शहरों में रियल एस्टेट डेवलपर्स सख्त नियमों और नवीनतम निर्माण प्रौद्योगिकियों के उपयोग के कारण एक परियोजना को पूरा करने में औसतन 18-20 प्रतिशत कम समय ले रहे हैं। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक ने शीर्ष सात शहरों में 2010-2019 और 2014 से लेकर 2024 की पहली छमाही के बीच शुरू की गई और पूरी की गई सभी परियोजनाओं का विश्लेषण किया। पिछले दशक में इन सात शहरों में 500 से कम इकाइयों वाली छोटी परियोजनाओं को पूरा करने में लगने वाला औसत समय चार वर्ष था, जबकि बिल्डरों को 500 से अधिक इकाइयों वाली बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने में 4.9 वर्ष लगे।
बिल्डरों द्वारा 2010-19 की अवधि के दौरान लिया गया औसत समय छोटी परियोजनाओं के लिए 4.9 वर्ष और बड़ी परियोजनाओं के लिए 6.1 वर्ष था। इस प्रकार, समीक्षाधीन अवधि के दौरान सात प्रमुख शहरों में छोटी परियोजनाओं के पूरा होने का औसत समय 18 प्रतिशत तथा बड़ी परियोजनाओं के पूरा होने का औसत समय 20 प्रतिशत कम हो गया है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “नियामक प्राधिकरणों द्वारा परियोजना में देरी पर लगाए गए कड़े नियम भी परियोजना के पूरा होने के समय को कम करने में एक प्रमुख कारक रहे हैं।”
आंकड़ों के अनुसार, चेन्नई में बिल्डरों ने पिछले 10 वर्षों में छोटी और बड़ी दोनों परियोजनाओं को पूरा करने में सबसे कम समय लिया। बड़ी परियोजनाओं के पूरा होने में अधिकतम समय कोलकाता में लगा, जबकि छोटी परियोजनाओं के पूरा होने में सबसे अधिक समय मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और दिल्ली-एनसीआर में लगा।