Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Jun, 2023 11:41 AM
आर्थिक वृद्धि के शानदार आंकड़ों के बाद भारत को अब एक और जबरदस्त खबर मिली है। मई महीने के दौरान भारत के विनिर्माण क्षेत्र में बंपर तेजी देखी गई और इसकी गतिविधियां 31 महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई। एक प्राइवेट सर्वे में गुरुवार को यह जानकारी...
नई दिल्लीः आर्थिक वृद्धि के शानदार आंकड़ों के बाद भारत को अब एक और जबरदस्त खबर मिली है। मई महीने के दौरान भारत के विनिर्माण क्षेत्र में बंपर तेजी देखी गई और इसकी गतिविधियां 31 महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई। एक प्राइवेट सर्वे में गुरुवार को यह जानकारी सामने आई।
मई महीने के दौरान भारतीय विनिर्माण क्षेत्र का खरीद प्रबंध सूचकांक यानी पीएमआई 58.7 पर पहुंच गया। यह अक्टूबर 2020 के बाद विनिर्माण क्षेत्र की सबसे जबरदस्त तेजी है। यह बताता है कि मई महीने के दौरान भारत में कारखानों का आउटपुट करीब ढाई साल में सबसे बेहतर रहा है। एक दिन पहले मार्च तिमाही के जीडीपी ग्रोथ रेट के शानदार आंकड़ों के बाद मई महीने के दौरान कारखानों की गतिविधियों में जबरदस्त सुधार आगे के लिए बेहतर संकेत देते हैं।
अप्रैल में ऐसा था आंकड़ा
मई महीने के दौरान लगातार 23वें महीने पीएमआई सूचकांक 50 से ऊपर रहा है। इससे पहले अप्रैल महीने के दौरान भारत में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां 4 महीने के उच्च स्तर पर रही थीं। अप्रैल महीने के दौरान आउटपुट और नए ऑर्डर में शानदार वृद्धि से विनिर्माण क्षेत्र को मदद मिली थी। अप्रैल महीने के दौरान एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स 57.2 पर रहा थ, जो मार्च के 56.4 की तुलना में ज्यादा था।
क्या बताता है पीएमआई
अगर पीएमआई का आंकड़ा 50 से ऊपर रहे तो इससे पता चलता कि संबंधित अवधि के दौरान गतिविधियों में तेजी दर्ज की गई है। वहीं 50 से नीचे का पीएमआई आंकड़ा आलोच्य अवधि में गतिविधियों में गिरावट का इशारा करता है। अगर पीएमआई 50 हो तो माना जाता है कि संबंधित अवधि के दौरान गतिविधियां लगभग स्थिर रहीं।
मई महीने के दौरान भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने ऐसे समय में शानदार प्रदर्शन दिखाया है, जब पूरी दुनिया में यह क्षेत्र संघर्ष कर रहा है। पड़ोस की बात करें तो चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे प्रमुख केंद्रों में विनिर्माण क्षेत्र दबाव में है। इन देशों में विनिर्माण क्षेत्र को लंबे समय से प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत में विनिर्माण क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को तेज करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।